हर रोज एक दामिनी मर रही है क्या आप जानते है. . . . . . . . . . . ?

हर रोज एक दामिनी मर रही है क्या आप जानते है. . . . . . . . . . . ?
"16 दिसम्बर 2012" एक ऐसी भयानक और दर्दनाक रात जिसकी याद आते ही  हर किसी की रूह  काँप जाती है  दिल्ली की वो खोफ भरी रात  जिस दिन मानवता की हर मर्यादा को शर्मसार किया आज उस बात को 4 साल बीत गए है लेकिन  आज तक ना ही कोई उस तारीख को भूल पाया है और ही उस वक्त को। ......... 


अगर  कोई भूल गया हो तो में आपको बताना चाहूंगी की ये वो दिन है जब हमारी अपनी एक बेटी के साथ ऐसा दुष्कर्म हुआ जिसने उसकी जान ही ले ली,  16 दिसम्बर 2012 करीब रात के 1:50 बजे एक निर्भया नाम की एक लड़की अपने एक दोस्त के साथ घर की और जा रही थी। जिस बस में वो बैठी थी वही वो दरिंदे भी थे जिन्होंने उसके साथ बतसुलूकी की, उसने अपने आप को कई बार बचाने  की कोशिश की पर वो उनसे जीत पाई। उस शर्मनाक घटना के बाद हर कोई उसके इंसाफ के लिए सड़को पर आगया था हर किसी ने उसकी सलामती के लिए प्रार्थना की।  लेकिन जब उसने दम  थोड़ दिया तो सड़को पर मोमबत्ती जला कर उसको श्रद्धांजलि दी। 

पूरा देश उसके उस दर्द में उसके साथ रोया। .........  पर क्या आपको वो दर्द याद है जिनको दबा दिया गया हर किसीको वो दामिनी तो याद है जिसके लिए हर कोई सड़को पर आगया  था लेकिन वो उन दामिनी का क्या जिनकी चीखो को दबा दिया गया देश में आज भी हर रोज एक दामिनी मरती है जिनके बारे में कोई नही जनता। एक दामिनी के लिए तो इंसाफ तो मांग लिया पर उन सभी दामिनि का क्या जिनको कोई नही जनता और उनकी इंसाफ की आवाज को दबा दिया गया उनके लिए कोंन इंसाफ की गुहार लगाएगा कोन  उनको  श्रद्धांजलि देगा क्या कोई है जो उनकी पुकार को सुन सके?

ऐसी बहुत सी दामिनी आज भी है जिनको कोई नही जनता, और जनता भी कैसे किसीने जानने की कोशिश की हो तब ना कोई जानेगा लेकिन में आज आपको उन सभी दामिनि सेभी रूबरू करवाउंगी जिनके दर्द की दास्तान  अभी भी आधुरी है


#1 आप सभी को दिसम्बर 2012 की वो रात तो याद है जिस वक्त निर्भया को दुष्कर्म का शिकार बनाया गया था लेकिन कोई ये नही जनता की उस रात के पहले उन्ही जालिमो द्धारा  एक और लड़की को शिकार बनाया गया जिसके बारे में शायद ही कोई जनता हो...... वो महज 14 साल की नाबालिक लड़की थी जो रोज अपने घर से पढ़ाई करने को निकलती थी पर  की उस  पर किसी की गन्दी नजर पड़  चुकी है उन्होंने पहले उसको अगवा किया और फिर अपना शिकार बनाया। ये वही दरिंदे थे जिन्होंने उस रात निर्भया को छतिग्रस्त  किया था उस  माँ  बाप ने पुलिस को खबर भी की पर किसीने उस पर ध्यान नही दिया। 

#2 एक और बलात्कार का किस्सा है जो बहुत काम लोग जानते है जिसको सबने  मिलकर दबा  दिया , गीता चोपड़ा जो आपकी और मेरी तरह एक आम सी लड़की थी उसके साथ हुए दुष्कर्म का किसी को याद नही है  की कोशिश की ,  गीता दिल्ली की रहने वाली थी पहले उसको जसबीर सिंह  और कुलजीत सिंह द्धारा  अगवा किया गया उसके बाद दुष्कर्म किया और मार दिया ये घटना 2001 की है पर आज तक गीता को इंसाफ नही मिला 

#3 एक 28 साल की लड़की इमराना जिसको उसके ही पिता के द्धारा ही दुष्कर्म का शिकार बनाया गया। 6 जून 2005 का वो दिन जब एक पिता ने अपनी ही बेटी को नही छोड़ा। इस दुष्कर्म के  पुलिस को भी बताया गया पर किसीने भी उसको जरुरी नही समझा और सबके सामने आने से रोक लिया 

 #4 एक ऐसा कांड जिसको पुलिस ही क्या देश की जनता ने भी बहुत दबाया 2014 का वो समय जब एक लड़की अपने छोटे भाई के साथ मुम्बई एक घर में किराये से रहने आई थी मकान मालिक के खुद के बेटे की नजर अच्छी नही थी और उसी ने एक दिन आकर उस लड़की के कमरे में घुस कर उसके साथ ज्यातती की। जब उसके भाई ने विरोध किया तो उसको भी मार दिया जब इसकी भनक लड़के के घर वालो को लगी तो उन्होंने समाज के सामने अपनी इज्जत बचाने के लिए उस लड़की को ही दोषी बताया और उसके भाई को कसूरवार ठहरा दिया 

#5 एक ऐसा किस्सा जिसको सुन कर आपकी रूह काँप जाएगी हरियाणा  में रहने वाली एक लड़की की कहानी जिसको किसीने जाने की कोशिश भी नही की 8 जनवरी 2010 का वो दिन जब एक भाई ने ही अपनी बहन को अपनी हवस का शिकार बनाया। नाम नीलिमा था  और ने क्या उसके खुद के घर वालो ने तक नही दिया। 

ऐसी कई लाखो की संख्याओ में दामिनी आज भी  जिनके बारे में कोई नही जनता और कोई जनता भी कैसे जब उनके अपनों ने ही उनके लिए मदद की गुहार नही लगाई और नहीं हम लोगो ने उनकी कोई मदद की देश के हर एक कोने में रोज एक दामिनी मरती है कुछ बाते तो सामने जाती है पर कुछ ऐसी बाते  समाज तले  दबा दिया गया अगर ऐसे चलता रहा तो दुनिया की हर लड़की दामिनी बन जाएगी।

हर किसी ने लड़कियों के खिलौना समझ लिया है जो कोई आकर उनको इस्तमाल करके फेक देते है पर उनकी दर्द की चीखे कोई नही सुनता। 
आपके सामने ही कोई आकर एक  लड़की के साथ छेड़खानी करने लगते है पर या तो आप उनको बस लफंगे समझ कर छोड़ देते है या नजर फेर लेते है या फिर बस देखते रहते है  आप में से तो कुछ लोग ऐसे भी है जो उस लड़की को ही कसूरवार ठहरा देते है और यही बात उन लोगो को उत्तेजित करते है और आगे चल कर वही लोग एक बड़ी दुर्घटना को अंजाम देते है।
आप लोग ये नही सोचते  की वो लड़की भी किसी की बेटी और इज़्ज़त होगी आज ये तो कल उसकी जगह हमारी भी बेटी हो सकती है सड़को पर उतरने से कुछ नही होगा जब तक आप खुद में सुधर नही लाएंगे तब तक कोई नही सुधरेगा और ऐसी आपकी दामिनी दुष्कर्मो का शिकार बनती रहेगी।
तो रोक लीजिये उस दामिनी को मरने से, उसको छुपाने की बजाये इतना ताकतवर बना दे जिससे कोई भी उसको पाए, बेटे और बेटी में अंतर रखे दोनों को मजबूत बनाए। सिर्फ्र पालन पोषण और शादी ही आपकी जिम्मेदारी नही है अपनी बेटी को सूरज की तरह बनाओ जिसको घूरने से पहले सबकी नजर जुक जाये।  
  

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