सोचने पर मज़बूर कर देगी ये बातें जो महिलाओ की सुरक्षा के लिए बहोत जरुरी है

हमारे देश के लिए आज का सबसे बड़ा सवाल यह है 

 की क्या हमारे देश की महिलाये सुरक्षित है?

क्या वो पूरी तरह आजादी के साथ जीने का हक़ रखती हैं ?


इन सवालो को हम सब आये दिन सुनते रहते है। और उन पर हो रहे शोषण के लिए कही कही लड़कियों को ही जिम्मेदार मानते है। पर क्या कभी ये सोचा है की उन पर हो रहे अत्याचार का कारण हम खुद होते है। कही कही समाज ही लड़कियों को झुकने के लिए मजबूर करती है। ये हमारे लिए एक बहुत शर्मनाक बात है की हम अपनी लड़कियों को सुरक्षित नहीं कर सकते। उनको मजबूत बनाने के वजाए उनको झुकने के लिए मजबूर करते है।  


हाल मैं ही जो कुछ देश के कही हिस्से मैं  हुए हादसे खासकर दिल्ली जैसी जगह पर हुए भयानक हादसों से हम अच्छी तरह से अवगत है और हतास भी है। जिससे महिलाये खुद को घरो मैं जादा सुरक्षित मानती है की बहार। और तो और परिवार वाले भी लड़कियों पर शिकंजा कसते है। उनका बहार जाना, लड़को से बात करना, ट्रिप पर जाना, आदि इन सब रोक लगते है। उनको लगता है की कही कही लडकिया ही लड़को को उकसाती है और उन पर हो रहे अत्याचार का कारण खुद लडकिया ही होती है। ऐसा सोचना बहुत गलत है। ये सब सोच कही कही हमारे इंसान होने पर सवाल बन जाती है।  

ऐसी कुछ बाते जो हमारे समाज की सोच को बदलने के लिए काफी है। 

 

#1.  समाज बोलता है की किसी भी लड़की को किसी भी लड़के या अनजान व्यक्ति के साथ अकेले नही जाना चाहिए क्योकि ऐसा करने से वह व्यक्ति सोचने लगता है। की लड़की अपनी मर्जी से वह आई है और उसको छूने का लाइसेंसे मिल गया है। पर क्या ये सोच गलत नहीं है।  क्या लड़कियों का किसी से बात करना और उसके साथ कही जाना गतल है किसी लड़की का हस कर बात करने का मतलब ये नही होता की आपका उस पर हक़ हो जाता है।  ये सोच बदलो ताकि देश मैं  लडकिया खुलकर जी सके। 



    #2. आजकल का समय बहुत आगे बाद चूका है। पर हमारी सोच नही बदलती। लड़को को लगता की किसी भी लड़की का उसके साथ बैठ कर शराब पीती है  तो वो लडकी उसके साथ सोने के लिए भी नही कतराएगी। ऐसी सोच रखने के लिए क्या लडकिया जिम्मेदार होती है। वो बस उस लड़के पर भरोसा करती है अगर किसी को समझाना है तो इस तरह के लड़को को समझाओ जिसे वो किसी भी लड़की के बारे मई ऐसा बोल सके और खुद भी इस बात को समझे।

      #3. अगर कोई लड़की किसी भी बात के लिए "ना"  बोलती है तो उस "ना " का मतलब ना ही होता है भले ही वो लड़की आपकी परिचित हो, दोस्त हो, ग्रलफ्रंड हो, या आपकी बीवी ही क्यों हो ना मतलब ना। जब वह ना बोल दे तो रुक जाओ। क्योकि ना अपने आप मैं एक पूरा वाक्य है जिसे किसी भी उदहारण  की जरूरत नही है।   


      आज तक हम सब लोग एक गलत डायरेक्शन भाग रहे थे। बस यही सोचते थे की हमे लड़कियों को समझाना चाहिए। हमको अपने लड़को को बचाना चाहिए क्योकि अगर हम लड़को सुधरेंगे तो हमारी लडकिया अपने आप सुरक्षित हो जाएँगी।  


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