मकरसंक्रांति से जुडी कुछ ऐसी खास बाते जिनका कारण कोई नही जानता
भारत एक मात्र
ऐसा देश है
जहाँ कई सारे
त्यौहार मनाये जाते है।
हर त्यौहार का
एक अलग ही
महत्व होता है
और अलग रीति
रिवाज होते है।
पूरी दुनिया में
भारत जैसा कोई और
देश है ही नही, जहाँ पर
विभिन्न प्रकार के लोग
और उनके अलग
संस्कृति , धर्म रहते हो।
उन सभी में से एक त्यौहार ऐसा भी है जिसकी एक अलग ही कहानी है। भारत में मनाये जाने वाला एक खास त्यौहार जिसके भारत के अधिकतर हिस्से में मनाया जाता है। पर अधिकतर लोग तो ये भी नही जानते की आखिर ये त्यौहार को मनाया क्यों जाता है। और मकरसंक्रांति का सबसे खास रिवाज जो हर कोई मनाता जरूर है पर उसको निभाए जाने का असल कारन कोई नही जानता।
ऐसी कुछ खास
बाते जो आप
नही जनते पर
तब भी उसको
निभाते है तो
क्यों न इनको
जाना जाये और
अपने त्योहारो को
और मजेदार बनाया
जाये।
#1
क्या आप जानते
है भारतीय कैलेंडर के
अनुसार कई त्यौहार एक
ही दिन पड़ते
है लोहड़ी ,पोंगल,
संक्रांति और बिहू ये
सब अलग-अलग
धर्म के लोगो
के त्यौहार है
पर इन सबको एक
ही दिन मनाया
जाता है।
#2 ऐसा माना जाता
है की मकरसंक्रांति के
दिन सूर्य राशि
-चक्र के अनुसार
मकर राशि में
आ जाता है
तभी से इस
त्यौहार का नाम मकरसंक्रांति पड़ गया है। सूर्य
के अपनी जगह
बदलने के कारण
ही लोग इस
त्यौहार को मानते है
।
#3
आज के दिन
माना जाता है
की दिन और
रात एक ही
तरह के हो
जाते है। आज
से वसंत के
दिन शुरू हो
जाते है। आज
के बाद से
राते छोटी हो
जाती है और
दिन बड़े हो
जाते है।
#4
आपने देखा होगा
आज के दिन
सब लोग तिल-गुड़ से बानी
मिठाईयाँ पसंद करते है
इसका एक मात्र
कारण यही है की इस लोगो
में अगर तिल-गुड़ बाटा जाये
तो लोगो का
आपस में प्रेम
बढ़ता है और
साडी दुश्मनी भुला
दी जाती है।
#5
क्या आप जानते
है की आखिर
लोग संक्रांति के
दिन पतंग क्यों
उड़ाते है? क्या
ये कोई रिवाज
है या बस
मनोरंज का एक
जरिया है?... असल
बात तो ये
है की ठण्ड
के दिनों में
हमारे शरीर की
सूर्य से ऊर्जा
नही मिल पाती
कई
सरे रोग हमे
घेर लेते है
बस उन रोगों
से मुक्ति पाने
के लिए सुबह
सूर्य की मौजूदगी में
सूर्य की किरणों
को शरीर से
स्पर्श करने के
लिए सभी लोग
पतंग उड़ाते है।
#6
मकरसंक्रांति को मनाये जाने
की एक और
वजह है कुछ
लोगो का मानना
है
की इस त्यौहार को
मनाने के बाद उत्तरप्रदेश में कुम्भ का
मेला शुरू हो
जाता है बस
लोगो को इस
त्यौहार का इंतज़ार रहता
है। इसके बाद
मेले के शुभारम्भ शुरु
हो जाता है।
कहने को तो
भारत में अनेक
त्यौहार मनाये जरूर जाते
है पर उनके
पीछे असल वजह
जानता, लेकिन अगर
जाने बिना ही
लोग बड़ी ख़ुशी
से त्यौहार मानते
है तो वजह
की कोई जरुरत
नही है बस
ये एक एकता
का प्रतिक है।
Post a Comment