Sonu Nigam Azaan Tweet | क्या धर्म को भोंपू की जरूरत है?

Sonu Nigam Azaan Tweet| क्या धर्म को भोंपू की जरूरत है?

Sonu Nigam Azaan Tweet-क्या धर्म को भोंपू की जरूरत है?

जब भारत में किसी बच्चे का जन्म होता है, तो उसको सबसे पहले धर्म के बीच के अंतर को समझाया जाता है।  किस धर्म का उसे मान रखना है और किस का अपमान करना है। ये सब उसको सिखाया जाता है।  हम ये तो जानते है की भारत का हर आदमी अपने-अपने धर्म के हिसाब से ही चलता आ रहा है। जैसा उसका धर्म होगा और जो भी उसका धर्म कहेगा ,वो वही करेगा।

ये अभी से नहीं बल्कि सदियों से चला आ रहा है। लेकिन आज के वक्त में इन धर्मो का बस एक मजाक बना दिया है, यहाँ धर्म का पालन काम और दिखावा ज्यादा होने लगा है। अपने धर्म को सबसे अच्छा बताने के लिए लोगो ने धर्म के मायने ही बदल डाले। अब जैसे  मुस्लिम धर्म की बात की जाये तो, इस धर्म का महत्व पहले के समय में बहुत अधिक था लेकिन आज के इन मुस्लमानो ने खुद को तो नीचे गिराया है  साथ ही अपने धर्म को भी नहीं छोड़ा।

आल्सो रीड :-  



आइये देखते है क्या - क्या हुआ Sonu Nigam Azaan Tweet में - क्यों हुआ इतना बवाल

अभी हाल में चल रही, खबर भी इस धर्म से जुडी है, बात है मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर की जो रोज सुबह से चालू हो जाते है और खुदा के नाम पर हर किसी पर अपनी धार्मिकता जबरजस्ती थोपी जाती है। मशहूर गायक सोनू निगम ने अब इन पर रोक लगवाने के लिए आवाज उठाई है।
बात सोमवार सुबह की जब मशहूर गया गायक सोनु निगम जिनकी सुबह हमेशा अजान की आवाज सुन कर होती है। लेकिन अब उन्होंने चुप्पी थोड़ दी है और अपने अन्दर की भड़ास ट्वीटर के जरिये, मस्जिदों पर लगे हुए उन लाउडस्पीकर पर निकली जो रोज उनकी नींद खराब करते है। उन्होंने इससे तंग आ कर लगातार 4 बार ट्वीट किया और धर्म का असली महत्व बताया।

सोनू निगम द्वारा कही गई बाते

पहला Sonu Nigam Azaan Tweet:

 God bless everyone. I'm not a Muslim and I have to be woken up by the Azaan in the morning. When will this forced religiousness end in India
(भगवान सबका ख्याल रखे| मैं मुसलमान नहीं हूं, लेकिन मुझे रोजसुबह अज़ान की आवाज़ से उठना पड़ता है
। ये थोपी हुई धार्मिकता कब खत्म होगी| )

दूसरा ट्वीट:

 And by the way Mohammed did not have electricity when he made Islam.. Why do I have to have this cacophony after Edison?
(और वैसे भी मोहम्मद ने जब इस्लाम बनाया था तब बिजली थी ही नहीं. मुझे अब ये कर्कश आवाज क्यों सुननी पड़ती है?)

तीसरा ट्वीट :

 I don't believe in any temple or gurudwara using electricity To wake up people who don't follow the religion . Why then..? Honest? True?
(
मैं ऐसे किसी भी मंदिर या गुरुद्वारे में यकीन नहीं रखता जो धर्म में यकीन न रखने वाले लोगों को जगाने के लिए बिजली का इस्तेमाल करता हो. फिर क्यों? ईमानदार? सच्चा?)

चौथा ट्वीट: Gundagardi hai bus...

(गुंडागर्दी है बस…)

वरिष्ठ उर्दू स्तंभकार हसन कमल

Sonu Nigam Azaan Tweet| क्या धर्म को भोंपू की जरूरत है?

इसी बात को वरिष्ठ उर्दू स्तंभकार हसन कमल ने भी माना  है, की अजान के लिए स्पीकर की जरुरत नहीं है। चाहे तो वो सिर्फ एक मस्जिद में स्पीकर का इस्तमाल कर सकते है।  उन्होंने 1950 का वो वक्त याद दिलाया और कहा की उस वक्त इस्लाम समाज में जब पहली बार माइक का इस्तेमाल किया गए था तो इस बात का बहुत विरोध किया गया था।  तो आज Sonu Nigam Azaan Tweet से क्या परेशानी है

Sonu Nigam Azaan Tweet| क्या धर्म को भोंपू की जरूरत है?

कुछ लोगो ने सोनू निगम की इन बातो को इस्लाम के अपमान से जोड़ कर बवाल खड़ा कर दिया है। क्या आपको भी लगता है की सोनू निगम की ये बात गलत है? ऐसा किस कुरान में लिखा है की अजान के लिए लाउडस्पीकर जरुरी है? क्या कुरान में ये लिखा है की अजान के लिए भोंपू जरुरी है तभी में सबकी फ़रियाद सुनूंगा? क्या तुम्हारा भगवान बहरा है जो बिना भोंपू  के आपकी आवाज नहीं सुन सकता। और सिर्फ बात इस्लाम धर्म की नहीं, बल्कि उन सभी धर्मो की है जो अपने धर्म को अच्छा बताने के लिए धर्म का मजाक बनाते है और बाकि सभी को परेशान करते है

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