अपने वो कहावत तो सुनी होगी न की "कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता इंसान की सोच छोटी या बड़ी होती है" ये वो कहावत है जो हर किसी को एक हौसला देती है। कई लोग इससे प्रेरित भी होकर अपने जिंदगी में कामयाब हो जाते है और कुछ लोग बस निराश रह जाते है की हम कुछ नहीं कर पाएंगे। तो आज उन लोगो के लिए में ऐसी एक सच्ची कहानी लाई हूँ जो असल जिंदगी से जुडी है।
यह Ek Sachi Kahani Hindi Mai है एक दुकान की, कहने को तो बहुत छोटी है, लेकिन छोटी सी दुकान की जो कहानी है, वो समाज को प्रेरणा प्रदान करती है। दिल्ली के खारी बावली में स्थित ये मेवों और मसालों की 2.5x10 फिट की दुकान है जिसकी मालिक है हिना सूर्यवंशी। हिना सूर्यवंशी की, दूकान इतनी छोटी है कि इसमें बैठने की जगह नहीं है। हिना रोज़ 10 घंटे अपनी दुकान पर खड़ी होकर काम करती है, अगल बगल की बड़ी दुकानों के बीच अपना वजूद बनाए हुए है। पड़ते रहिये Ek Sachi Kahani Hindi Mai
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Hindi Moral Kahaniya- हिना ट्रेडर्स- क्या है इस छोटी सी दुकान का सच - Ek Sachi Kahani Hindi Mai
हिना अपने घर की ज़िम्मेदारी अकेले संभालती है, वो घर की एकमात्र कमाने वाली सदस्य है। दुकान चलाकर वो ना सिर्फ़ अपना घर संभाल रही है, बल्कि अपनी 2 बहनों की पढाई का खर्च भी उठा रही है। हिना की एक बहन CA का कोर्स कर रही है और दूसरी डायटीशियन का।
इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी निभा रही है हिना पर वो हँसना नहीं भूलती है। हिना कहती है कि वो शादी भी उसी से करेगी, जो उसे दुकान चलाने दे, हिना कहती है, "इतना वक़्त लगाया है इस बाज़ार में, इतना कुछ सीखा है, ऐसे ही घर कैसे बैठ जाउंगी।"
हिना अपनी दुकान को साल के 365 दिन तक चलाती है हर रोज वो अपनी दुकान खोल कर 10 घंटे तक खड़े रहकर हसंते हुए काम करती है। हिना 12 साल से ये दूकान चला रही है। हिना ने बचपन में ही अपने पिता को खो दिया था , पिता के गुजर जाने के बाद से ही हिना ने पुरे घर की जिम्मेदारी अपने सर पर ले ली थी। और अब वो इतना काबिल हो गई ही की वो अपने परिवार की हर जरुरत को पूरा करने के लिए दिन रात एक कर देती है।
हिना कहती है की इन 12 सालो में मेने बहुत कुछ देखा है में नहीं चाहती की जो दुःख मैने उठाये है वो मेरी बहनों को न उठाना पड़े। और यही सोचा है जो हिना को कामियाबी दिलाती है, इसलिए आज हिना की दुकान की तारीफ हर कोई करता है।
हिना के इस हौसले और जस्बे को देख कर आत्मसम्मान और अभिमान दोनों का आभास हो जाता है। अगर आप दिल्ली में है या उसी और जा रहे है तो हिना और इस छोटी सी दुकान से जरूर मिले। यकीनन हिना की कहानी आपके अंदर जीवन जीने का एक नया जस्बा जगा देगी।
जो हिना से बोलता है की तुम्हारी दुकान तो बहुत छोटी है इससे कैसे खर्चा चलता होगा। यहाँ तो ढंग से बैठने की तक जगह नहीं है। तब हिना हसंते हुए सबसे कही है "दुकान डाइटिंग करती है, इसलिए इतनी छोटी है।"
Sachi Kahani Hindi Mai हिना के इस अद्भुत जस्बे को मेरा सलाम है लीना जैसी लड़कियाँ ही महिलाओं को लेकर समाज की सोच को बदल सकती है। हिना उन सभी लड़कियों और महिलाओ के लिए एक प्रेरणा है जो ये समझती है की हम लड़कियां कुछ नहीं कर पाएंगी।
Is Hindi Moral Sachi Kahani Ka Moral
समाज यही मानता आया है की एक घर को एक आदमी ही चला सकता है औरत नहीं, वो बस घरों के काम के लिए बनी है तो ऐसी समाज के लिए हिना एक नयी सोच है।
हिना अपने परिवार का पालन पोषण करती रहे और उसे दुनिया की हर वो ख़ुशी मिले जिससे वो हमेशा वंचित रही है। वो ज़िन्दगी में वो सब कुछ हासिल करे, जिसे पाने के लिए वो दिन रात इतनी मेहनत करती है।
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