The Principal Upanishads - स्कूलो में गीता और रामायण क्यों?

The Principal Upanishads - स्कूलो में गीता और रामायण क्यों?

The Principal Upanishads - स्कूलो में गीता और रामायण क्यों?

The Principal Upanishads - स्कूलो में गीता और रामायण क्यों?

"मेरे देश केे हालात कुछ यूँ नासाज है ,
मेरा देश हर गली मोहल्ले में रो रहा है |

लोगो को गाय पालने में
है गिलानी,
और कुत्ता पालने में गर्व मेहसूस हो रहा है |"
आज में आपके सामने कुछ ऐसे तथ्यों को रखने का प्रयास कर रहा हूँ। जो कि हमारी अपनी संस्कृति के The Principal Upanishads के ऊपर है। एवं उंनसे आपको क्या लाभ मिलने वाला है?

रीड मोर :-  




इस बात पर विस्तृत चर्चा का प्रयास करेंगे और जो हमारे आपके लिए ओर हमारी  संस्कृति के लिए जरुरी सा हो गया है। आप अपने और अपने बच्चो में जब तुलना करते है, तब पाते है जितना रुझान आपका आपके धर्म के प्रति है। आपके और आजकल के सभी बच्चो का रुझान धर्म ओर संस्कृति के प्रति काम हो रहा है। उनका हमारी अपनी संस्कृति से जुड़ाव विलुप्त होता जा रहा है।

                           
The Principal Upanishads - स्कूलो में गीता और रामायण क्यों?

जो हमारे पूर्वजो ने हमको" The Principal Upanishads "बहुमूल्य ग्रंथो द्वारा नियम प्रदान किये है। उनका ज्ञान भी हम और आप लगभग विस्मृत कर चुके है। किसी भी देश की संस्कृति उसकी अमूल्य धरोहर होती है। हम अपनी धरोहर की रक्षा नहीं कर पा रहे है, इसका क्या मूल कारन हो सकता है?


"अगर किसी धर्म देश या राष्ट्र को पतन या उसके वर्चस्व को संपूर्ण रूप से समाप्त करना है ,तो उस देश कि शिक्षा को ध्वस्त कर दो "

The Principal Upanishads - स्कूलो में गीता और रामायण क्यों?

जब आप  भी किसी महापुरुष कि जीवनी या उनके जीवन से सम्बन्धित जानकारी निकालेंगे तब हमें ज्ञात होता है। कि उनके जीवन में हमारे The Principal Upanishads  का गहरा प्रभाव रहा है। जिससे उनके अंदर अच्छे गुणों का प्रदुर्भाव हुआ है "शिवाजी महाराज जी" के बिषय में जब जब हम पढ़ते तब तब हमको यही जानकारी मिलती है। उनकी माता ने उनके बाल्यकाल में ही गीता रामायण महाभारत का ज्ञान दिया था ऐसी ही कहानी सभी महापुरुषो के बाल्यकाल में  देखने को मिलती है।


अगर आप भी अपने बच्चो को उचित समय पर उचित शिक्षा प्रदान करेंगे तो आप उनके अंदर महापुरषों जैसे व्यक्तित्व का निर्माण कर पाने में सक्षम हो सकते है। इसीलिए बच्चो को अपने धर्म ओर संस्कृति से जोड़े रखने ओर उनके अंदर उत्तम व्यक्तित्व का निर्माण करने आज उनको गीता ओर रामायण कि शिक्षा देना आवश्यक हो गया है।

The Principal Upanishads - स्कूलो में गीता और रामायण क्यों?

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा विदेशो में व्यक्तित्व निर्माण के लिए उचित मार्गदर्शन के लिए उनके स्कूलों ओर कालेजों में रामायण ओर गीता पढ़ाई जाती है। जो देश अपनी संस्कृति से जुड़ा हुआ है, वो प्रगति कि ओर अग्रसर है। उदाहरण के लिए आप जापान ओर चीन कि शिक्षा प्रणाली को जान सकते है। इन देशो आज भी शिक्षा में संस्कृति को महत्व दिया जाता है।


Sri Krishna Bhagavad Gita

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 भगवत गीता क्या है ? जब मैंने आपसे पूछा Sri Krishna Bhagavad Gita क्या है? यह प्रश्न किया

आपके मन में कुछ विचार आए आपके ज्ञान के आधार पर आप सभी ने कोई न कोई उत्तर निकल लिया होगा |

मुझे पता है, आप अधिकांश लोगो के मन यह उत्तर जरूर आया होगा कि भगवान् श्री कृष्ण के द्वारा अर्जुन को युद्ध क्षेत्र में जो व्याख्यान उपदेश दिया गया उसका नाम है -Sri Krishna Bhagavad Gita जब आप और हम इन उपदेशो को समझेंगे तब हम और आप  इसके महत्व को समझ पाएंगे कि  इनका  हमारे जीवन में क्या महत्व है। इसको पढ़ना या इसका ज्ञान हमारे लिए क्यों आवशयक है? इस सम्बन्ध में समझने  का प्रयास करेंगे

The Principal Upanishads - स्कूलो में गीता और रामायण क्यों?

 आपको यह भी  यही लगता होगा कि रामायण गीता ही क्यों ? पढ़ना जरुरी है, आपके मन का ऐसा सोचना स्वाभाविक है, और इसके महत्व को जानने के लिए इस बिषय को विस्तृत रूप से समझ लेना अति-आवशयक है। इस बात को एक उदाहरण से समझने का प्रयास करते है।  मान लीजिये आपको स्कूल में एडमिशन लेना है, तब आप उस स्कूल के किस प्रकार एडमिशन लेते है। बिना किसी जानकारी के आप स्कूल में एडमिशन लेते है या उस स्कूल के सम्बन्ध में जानकारी लेते है। मैं आपको बताता हूँ | आपको उस स्कूल के सम्बन्ध में पहले से जानकारी होती है। या फिर आप जानकारी प्राप्त करते है, स्कूल कि रेटिंग क्या है स्कूल मान्यता प्राप्त है या नहीं ?

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सनातन धर्म ओर ग्रन्थ सबसे प्राचीन है। लगभग सभी धर्मो का उदय सनातन धर्म से माना जाता है। जो हमारे ग्रंथो कि प्रमाणिकता को दर्शाता है। हमारी संस्कृति कि रक्षा करना भी हमारा ही दायित्व है।
                               
The Principal Upanishads - स्कूलो में गीता और रामायण क्यों?

शास्त्रों में वर्णित हैं :- धर्मो रक्षित रक्षितः अर्थात जब हम धर्म कि रक्षा करेंगे तब धर्म हमारी रक्षा करेगा|

Ramayan In Hindi 


The Principal Upanishads - स्कूलो में गीता और रामायण क्यों?

कहा जाता है कि महाकवि तुलसीदास ने रामायण ग्रन्थ कि रचना सरयू नदी के तट पर की यही पर उनको रामायण लिखने कि आत्मविभूति हुई थी बाबा तुलसी ने रामायण को आठ अलग अलग भागो में बांटा जिनको कांडो के नाम से भी जाना जाता है रामायण में मर्यादा पुर्षोत्तमं भगवान श्री राम के जीवन का वर्णन है। उनके बाल्यकाल से उनके किशोर उसके पश्चात यौवन प्रौढ़ एवं समाधी तक कि सभी घटनाओ का संपूर्ण विवरण है। एक ऐसे महानायक जननायक जो भारत के सभी माताओ के आदर्श है उनकी गाथा का वर्णन है।

The Principal Upanishads - स्कूलो में गीता और रामायण क्यों?

भगवान् श्रीराम को पुरषो में उत्तम माना गया है है इसिलिय भगवान् श्री राम को मर्यादा पुरषोत्तम कहा जाता है रामायण से हमें समाज में रहने एवं परिवार आचरण का उचित ज्ञान प्राप्त होता है। रामायण को प्रमुखतः अवध की खड़ीबोली भाषा में लिखा गया है। जिसे सरलता से समझा जा सकता है। रामायण का ज्ञान हमरे जीवन में घटित हो रही समस्याओ को सलरता से निर्बाह करने कि क्षमता प्रदान करता है।


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रामायण भारतीय सनातन धर्म का प्रमुख हिन्दू ग्रन्थ है। एवं इसकी प्रमाणिकता को नासा अमेरकी अंतरिक्ष कंपनी द्वारा माना गया है। नासा ने स्पष्ट किया है, जिस सेतु का वर्णन रामायण में किया गया है, उसका अस्तित्व आज भी विद्यमान है |

Upanishad In Hindi 

                                         
The Principal Upanishads - स्कूलो में गीता और रामायण क्यों?

हिन्दू सनातन धर्म में ग्रंथो का अपार संग्रह है जिनमे उपनिषदों का महत्व अत्यधिक माना जाता है सनातन धर्म में अनेको उपनिषद ऋषि मुनियो द्वारा अपने समय काल खंड में लिखे गए है लगभग सभी उपनिषदों कि भाषा संस्कृत है।

सनातन धर्मं में वेदो का महत्व सर्वाधिक है। इन्ही वेदो को सभी का आधार माना जाता है, हिन्दू धर्म में चार वेदो का वर्णन है।
                                   
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  • ऋग्वेद
  • यजुर्वेद
  • सामवेद
  • अथर्ववेद



 सनातन धर्म में मुख्यतः अठारह पुराणों का वर्णन है:-


1. अग्नि पुराण
2. भागवत पुराण
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3. ब्रह्मा पुराण                                             
4. ब्रह्मांड पुराण
5. ब्रह्मवैवर्त पुराण
6. गरुड़ पुराण
7. कुर्मा पुराण
8. लिंगा
9. मार्कण्डेय                                   
10. मत्स्य
11. नारदा
12. पद्मा
13. शिवा
14. स्कन्दा                       
15. वामन
16. वराह
17. वायु
18. विष्णु

Philosophy Of Upanishads

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वेद सभी ग्रंथो का मूल है, उपनिषद इन्ही वेदो कि ऋचाओं का स्वरूप है। सभी वेदो को संस्कृत में लिखा गया है जिनको सामान्य जनो को समझना कठिन प्रतीत होता है। सामान्य जन तक वेदो को पहुंचाने जन जन तक वेदो का सारगर्भित ज्ञान देने के लिए | अनेक ऋषि मुनियो ने  जिनको पृथक पृथक कर श्रुति धर्मग्रन्थ का स्वरुप प्रदान किया गया है। यह वैदिक धर्म ग्रंथो का अभिन्न अंग हैं, इनमे परब्रह्म परमात्मा के स्वरुप कार्यांविधि क्रियाकलाप का वर्णन है।

सभी उपनिषदों में ब्रम्ह उनके सृजन से सृजित जीव ओर जगत का आध्यात्मिक ज्ञान एवं स्थूलता से सूक्ष्मता अर्थात शरीर से आत्मा तक के चक्र एवं उत्थान का संपूर्ण विवरण देखने को मिलता है।  उपनिषद सभी वेदो का निचोड़ माने गए है। दार्शिनकों के लिए उपनिषद उनके ज्ञान कोष का भण्डार है भारतीय सभ्यता द्वारा उपनिषद एवं धार्मिक ग्रन्थ विश्व को प्रदत अतुलनीय एवं अमूल्य धरोहर है।


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