मूवी थियेटर इंडस्ट्री का भविष्य
What is the Future Of Movie Theater Industry?
कहाँ गई सिनेमा घरों की वो पुरानी रौनक 100 करोड़ के क्लब में फिल्मों की बढ़ती संख्या और कमाई के टूटते रिकॉर्ड के बीच एक तल्ख सच्चाई यह है कि देश में सिनेमा उद्योग की वृद्धि दर धीमी हुई है। इसकी बड़ी वजह यह है कि फिल्म देखने सिनेमा हाल जाने वाले लोगों की संख्या में गिरावट आ रही है। इसकी वजहों में मनोरंजन के अन्य साधन, महंगे टिकट, टीवी पर फिल्में, अच्छी फिल्मों की कमी जैसे कई कारण शामिल हैं। इन कारणों से बीते कुछ दशकों में फिल्मों से कमाई तो बढ़ी है, लेकिन दर्शक घटे हैं। दिलचस्प यह है कि इसी अनुपात में देश में वीडियो के अन्य विकल्पों में दर्शकों की हिस्सेदारी बढ़ रही है। Future Of Movie Theater द फेडरेशन ऑफ इंडियान चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने दर्शकों के व्यवहार और इंडस्ट्री के मौजूदा हालात पर एक विस्तृत रिपोर्ट बताई है।
Future Of Movie Theater Industry
#1. 9.1 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की गई साल 2016 के दौरान मनोरंजन उद्योग में#2. 14 प्रतिशत वृद्धि दर की उम्मीद है 2017-21 के दौरान देश के ग्रामीण दर्शकों की हिस्सेदारी में
#3. 70 प्रतिशत कमाई होती है देश में टिकट बिक्री से
#4. 08 प्रतिशत कमाई विदेशों में फिल्म प्रदर्शन से होती है इंडस्ट्री को
#5. 1600 से ज्यादा फिल्में बनती हैं देश में विभिन्न भाषाओं की हर साल
#6. 200 अरब रुपए सालाना आय है भारतीय फिल्मों उद्योग की
#7. 5वां बड़ा बाजार है कमाई के लिहाज से भारतीय फिल्म उद्योग, दुनिया के अन्य फिल्म उद्योगों के मुकाबले
#8. 90 से ज्यादा देशों में देखी जाती हैं भारतीय फिल्में
#9. 11 हजार से ज्यादा सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर और 12 सौ से ज्यादा मल्टीप्लेक्स हैं देश में
संख्या ज्यादा लेकिन सफलता कम
भारत में दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले सबसे ज्यादा फिल्में बनती हैं, लेकिन यहां सफलता का प्रतिशत उतना ही कम है। हालिया सफलताओं और सैटेलाइट राइट्स आदि के बावजूद फिल्मों से कमाई का प्रतिशत अन्य देशों क मुकाबले काफी कम है। बॉलीवुड से लेकर तमिल सिनेमा तक में दर्शकों की हिस्सेदारी कम होती जा रही है। बीते साल में फिल्मों की कुल कमाई में बॉक्स ऑफिस सफलता की हिस्सेदारी भी कम हुई है। वहीं डिजिटल राइट, टीवी राइट, म्यूजिक राइट से कमाई का प्रतिशत बढ़ा है।विदेश, क्षेत्रीयता और डिजिटल से उम्मीद
Future Of Film Industry आने वाले सालों में विदेशों में भारतीय फिल्मों के दर्शक बढऩे और क्षेत्रीय कहानियों की हिस्सेदारी से सफलता
की उम्मीद की जा रही है। फिक्की की रिपोर्ट के मुताबिक, फिल्मों की डिजिटल कंटेंट की हिस्सेदारी भी आने वाले सालों में बढ़ेगी। अब लोग सिनेमाघरों के बजाय अपने लैपटॉप या मोबाइल पर फिल्म देखना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। नेटफिलिक्स से लेकर हॉटस्टार और यूट्यूब चैनल्स पर दर्शकों की बढ़ती संख्या से फिल्म इंडस्ट्री की शक्ल बदल सकती है।
की उम्मीद की जा रही है। फिक्की की रिपोर्ट के मुताबिक, फिल्मों की डिजिटल कंटेंट की हिस्सेदारी भी आने वाले सालों में बढ़ेगी। अब लोग सिनेमाघरों के बजाय अपने लैपटॉप या मोबाइल पर फिल्म देखना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। नेटफिलिक्स से लेकर हॉटस्टार और यूट्यूब चैनल्स पर दर्शकों की बढ़ती संख्या से फिल्म इंडस्ट्री की शक्ल बदल सकती है।
कमजोर कहानियों के कारण मुंह मोड़ रहे दर्शक
आज कल की फिल्मों की कहानी लोगो को बिल्कुल भी नही लुभा रही है, सभी को बस एक ही घिसीपिटी Story देखने को मिल रही है। आजकल हर कोई कुछ नया देखना चाहता है। पर आजकल की फिल्मे पुरानी कहानियों को ही Repeat कर रहे है।शीर्ष 225 फिल्में-Biggest Cinema House In The World
#1 37 अरब रुपए की कमाई की सफल 225 फिल्मों ने साल 2016 में#2 96 प्रतिशत कमाई इसमें से शीर्ष 50 फिल्मों ने की
#3 175 फिल्में कुल मिलाकर महज 4 प्रतिशत यानी करीब 1.48 अरब रुपए की ही कमाई कर सकीं
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