एकेश्वरवादी धर्मों के अनुसार जिन धर्मों में ईश्वर की बहुत सारी आकृतियों की पूजा की जाती है, वे धर्म ईश्वर के असली स्वरूप को नहीं पहचानते। क्या कारण है इतनी सारी आकृतियों के पूजे जाने का? आइये जानते है-
#1 ब्रह्माण्ड की कहानी
जिसे हम ब्रह्मांड या सृष्टि कहते हैं, वह विभिन्न रूपों व आकृतियों का एक जटिल मिश्रण है। सभी ग्रह, तारे, पूरा सिस्टम, ये सभी आकृतियां ही हैं। समय के साथ-साथ ये आकृतियां प्रभावशाली आकृतियों में बदल जाती हैं और हमारे अनुभव में शाश्वत लगने लगती हैं। इसकी वजह यह है कि इन्होंने ज्यामितीय पूर्णता को हासिल कर लिया है। यह सब अचानक नहीं हुआ है, इनमें से हर आकृति को विकसित होने में लंबा समय लगा है। अगर कोई आकृति समय के साथ इतनी ज्यादा विकसित हो जाए कि वह इंसानी क्षमता से आगे निकल जाए, तो हम उसे ईश्वरीय कह देते हैं, क्योंकि जो कुछ भी हमारी क्षमताओं और गुणों से परे है, वह हमारे अनुभव में ईश्वरीय हो जाता है।#2 कौन है भगवान-Who Is God According To Vedas In Hindi
मानव -शरीर की प्रकृति में एक खास तरह की व्यवस्था होती है। एक पूरा विज्ञान है जो अब नाम का ही रह गया है। अंतर्ज्ञान से पैदा हुए विज्ञान का दुरुपयोग होने लगा है, क्योंकि समाज में निष्ठा का स्तर गिरा है। लोग कुछ भी बोल देते हैं – तुक्के को अंतरज्ञान मान लिया जाता है। पहले भारत में बच्चे के जन्म के समय एक ऐसे शख्स को बुलाया जाता था, जिसके पास अंतर्ज्ञान होता था। ऐसा शख्स बच्चे के शरीर की ज्यामिति को देखकर बताता था कि उसके जीवन में क्या-क्या संभावनाएं हैं। वह सितारे, ग्रह दशा आदि नहीं देखता था, बस बच्चे के शरीर की ज्यामिति, उसके ऊर्जा शरीर की ज्यामिति देखकर ही वह उसके जीवन के बारे में बता देता था।यही वजह है कि भारत मेंं ऐसे लोगों को भगवान कह दिया जाता है।
#3 गौतम बुद्ध की भविष्यवाणी
आपमें से बहुतों ने सुना ही होगा कि कैसे एक आदमी ने गौतम बुद्ध के भविष्य के बारे में भविष्यवाणी की थी। उसने कहा था – या तो वह महान शासक बनेगा या बहुत बड़ा महात्मा। तार्किक दिमाग वाले लोग कहेंगे – अरे, आपने तो दोनों बातें कह दीं। आप तो सही होंगे ही। लेकिन ऐसा नहीं है, उसने केवल उनके शरीर की ज्यामिति की तीव्रता को देखा होगा। उसके कहने का मतलब था कि गौतम महान चीजों को हासिल करेंगे। चूंकि वह राजा के पुत्र हैं इसलिए कहा गया कि वह महान शासक बन सकते हैं। अगर एक खास तरह की तीव्रता बच्चे में है, तो वह लोगों पर शासन करने में अपना जीवन क्यों बर्बाद करेगा, इसकी बजाय वह उन्हें गले से लगाएगा, जोकि ज्यादा समझदारी का काम होगा। वह उन्हें रूपांतरित करने की कोशिश करेगा, जो बेहतर काम होगा।Who Is God According To Vedas#4 महत्वाकांक्षाए - God According To Vedas In Hindi
अपने भीतर कोई इंसान कितनी दूर जाएगा, यह पूरी तरह उसी को तय करना है, लेकिन दुनिया में वह कितना आगे जाएगा, यह सामाजिक ताने-बाने से, वक्त से और ऐसी ही कई दूसरी चीजों से तय होता है। रास्ते में कोई आपको गिरा भी सकता है, इसलिए दुनिया में आप कितना आगे जाएंगे, वह कई बातों पर निर्भर है। शारीरिक आसनों से लेकर कई दूसरी चीजों तक, पूरे के पूरे योग सिस्टम का मकसद अपनी ज्यामिति को दुबारा से ढालना और उसे दोबारा व्यवस्थित करना है। ऐसा करने से वह ऐसे काम करने लगेगी जिसकी आपने कभी कल्पना भी न की होगी। फिर आप अपनी महत्वाकांक्षाओं के परे जाकर जीवन जी सकते हैं।Read More:-
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