अपनी बात दम से रखने वाली महिलाओ को फेमिनिस्ट कह दिया जाता है लेकिन मेरा तो सवाल ही ये है की आप किसी औरतो की उपस्थिति को नजरअंदाज कैसे कर सकते है।
औरत का क्या कोई अस्तित्व ही नही की वह फैसले ले सके, मनचाही जिंदगी जी सके? क्यों औरतो की सोच का बेवजह इतना विरोध किया जाता है? Women Empowerment In Hindi
अगर विरोध बढेगा, तो फिर गुस भी बढेगा। हमारे अपने परिवारों में ही ले लीजिये। कहाँ स्वतंत्र सोच के साथ कोई औरत जी रही है। किसी को रीति रिवाज, तो किसी को समाज के अजीब बंधनों में बांध रखा है। आज भी कई घरों में सामान्य विषयो को टैबू माना जाता है। पीरियड्स जैसे विषय आज भी वैज्ञानिक सोच के साथ नही देखे जाते।
#1 आपका नाम, आपकी पहचान
आपका नाम ही आपकी पहचान है। आपकी पहचान ही आपके व्यवहार को बताता है। हर औरत का नाम उसकी शादी के बाद बदल जाता है। उसकी असली पहचान उससे छीन ली जाती है, क्या पाने कभी ये नही सोचा की जब आपसे कोई आपकी पहचान के बारे में कुछ बुरा बोले तो आप बौखला जाते हो, तो ये बताओ उन औरतो को केसा लगता होगा जिनसे उनकी बचपन की पहचान हमेशा के लिए छीन ली जाती है।Women's Empowerment In Hindi
हम औरतो को देखते ही किसी विशेषण या रिश्ते से पुकारने को क्यों लालायित रहते है। उसकी स्वतंत्र पहचान हो सकती है। परिवारों को देखे, तो ऐसा क्यों नही है की बेटे की तरह बेटो या बहन या बहु का कैरिअर भी प्लान किया जाये?#2 परेशानियों को बयां नही कर सकते
महिलाओ को हमेशा कोई न कोई परेशानियां होती रहती है। कुछ बाते सामने आती है और कई हादसे है जो सामने ही नही आ पाते है। लड़कियों पर इतना दवाब है की वे बता ही नही पाती। कितनी बार बसों में ट्रेनों में ऐसे आदमी मिल जाते है, तो लड़कियों से नजदीकी का फायदा उठाते है। ऐसे अनुभव से गुजरने वाली हर लड़की बस यही चाहती है की जल्दी घर पहुँचे और मल-मल कर उन गंदे हाथों के घिनोने स्पर्श को पानी से उतार फेंके। पर वो कुछ नही बोल पाती, कितना बुरा लगता होगा।#3 औरतो के फैसलो पर भरोसा करे-
सख्त कानून हो तो कोई किसी औरत को नुकसान पहुँचाने तो क्या कुछ कहने की हिम्मत भी नही करेगा। घर-परिवार म सम्मान और आजादी के साथ, उनके फैसलो पर भरोसा किया जाना चाहिए। भाई या बेटे की सोच की सोच बदलने का काम घर में किया जा सकता है।Women Empowerment in HindiRead More Article On Women Empowerment In Hindi:-
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