Hijama Cupping Therapy Benefits In Hindi
कपिंग थैरेपी फायदे और ऩुकसान | Hijama Therapy In Hindi
खूबसूरती निखारने और लंबे समय तक स्वस्थ रहने के लिए आजकल लोगों के बीच कपिंग थैरेपी Cupping Therapy या हिजामा थैरेपी Hijama Therapy का काफी ट्रेंड है। यह थैरेपी हॉलीवुड और बॉलीवुड एक्टर्स, एथलीटों के बीच काफी पॉपुलर है। आपको बता दें, कि यह एक चाइनीज थैरेपी है, जिसमें स्किन पर लोकल सक्शन बनाया जाता है और कपिंग की मदद से दर्द का इलाज किया जाता है। जिससे मांसपेशियों के भीतर हुए घावों को दूर करने में बहुत मदद मिलती है।
Also Read :-
- Dry Skin Home Remedies In Hindi | ड्राई स्किन के घरेलू उपचार
- Daad Khaj Khujli Ke Upay | दाद खाज खुजली के उपाय
- Homemade Beauty Tips For Glowing Skin In Hindi | त्वचा को गोरा करने के घरेलू उपाय
- संवेदनशील त्वचा के घरेलू उपचार | Sensitive Skin Care Home Remedies In Hindi
- Indian Home Remedy For Skin Allergy | स्किन एलर्जी के घरेलू उपचार
Hijama Therapy In Hindi | Cupping Therapy Benefits In Hindi
विशेषज्ञों का मानना है, कि कपिंग थैरेपी से न केवल चोटिल मांसपेशियों को राहत मिलती है, बल्कि चेहरे पर ग्लो भी आता है। एक तरह से देखा जाए, तो यह काफी हद तक मसाज की तरह होती है, लेकिन इसमें मांसपेशियों पर दबाव डालने के बजाए सक्शन का प्रयोग त्वचा और मांसपेशियों को ऊपर की ओर खींचने के लिए करते है। यह थैरेपी सभी तरह के रोगों को दूर करने में फायदेमंद है। जैसे स्लिप डिस्क, सिरदर्द, चर्म रोग, मधुमेह, माहवारी, थायरॉइड, पिंपल्स आदि में यह थैरेपी कारगार सिद्ध होती है। तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताते है कपिंग थैरेपी (Cup Therapy In Hindi) क्या है और इसके क्या फायदे (Benefits Of Cupping Therapy In Hindi) है।
What Is Cupping Therapy In Hindi? कपिंग थैरेपी क्या है? | Hijama Therapy Benefits In Hindi
कपिंग थैरेपी वैकल्पिक चिकित्सा का प्राचीन रूप है, जिसका उल्लेख 5 हजार साल पहले के एतिहासिक स्त्रोतों में भी किया गया है। इसे अरबी संस्कृति में हिजामा थैरेपी (Hijama In Hindi) के नाम से भी जानते है, जिसका मतलब है "शरीर से दूषित रक्त को खींचकर बाहर निकालना"। इसमें एक चिकित्सक आपकी त्वचा पर कुछ मिनटों के लिए सक्शन बनाने के लिए कप रखता है। जिससे दर्द, सूजन, रक्त प्रवाह को बढ़ाने में मदद मिलती है।
What Is Cupping Therapy In Hindi? कपिंग थैरेपी क्या है? | Hijama Therapy Benefits In Hindi
कपिंग थैरेपी वैकल्पिक चिकित्सा का प्राचीन रूप है, जिसका उल्लेख 5 हजार साल पहले के एतिहासिक स्त्रोतों में भी किया गया है। इसे अरबी संस्कृति में हिजामा थैरेपी (Hijama In Hindi) के नाम से भी जानते है, जिसका मतलब है "शरीर से दूषित रक्त को खींचकर बाहर निकालना"। इसमें एक चिकित्सक आपकी त्वचा पर कुछ मिनटों के लिए सक्शन बनाने के लिए कप रखता है। जिससे दर्द, सूजन, रक्त प्रवाह को बढ़ाने में मदद मिलती है।
इसमें शरीर पर बांस, सिलिकॉन से बने सक्शन कपों को रखा जाता है। कहने को तो ये तकनीक बहुत पुरानी है, जिसकी उत्पत्ति चीन से हुई है। वहां हजारों वर्षों से यह तकनीक चली आ रही है। बस अब इसका रूप बदल गया है। चिकित्सकों के अनुसार, इस थैरपी में त्वचा पर कांच के छोटे-छोटे कप लगाकर दबाव देते है, जिससे ब्लड सकुर्लेशन, खून जमने और हड्डियों में गैप की समस्या का इलाज होता है।
कपिंग थैरेपी के प्रकार | Types Of Hijama Cupping Therapy In Hindi | Hijama Benefits
काफी साल पहले कपिंग में इस्तेमाल होने वाले कप मूल रूप से जानवरों के सींग से बने होते थे। इसके बाद बांस, सिलिकॉन, मिट्टी और फिर सिरेमिक के कपों का उपयोग किया जाने लगा। लेकिन आजकल मॉडर्न कपिंग में ग्लास के कप्स का प्रयोग किया जाता है, जो एक तरफ से खुला रहता है। अब आपको बता दें, कि कपिंग थैरेपी (Cupping Therapy In Hindi )चार प्रकार से की जाती है। फिक्स, मूविंग, ड्राई कपिंग और वेट कपिंग। इन्हें कैसे किया जाता है, ये हम आपको आगे बता रहे है।
#1 फिक्स कपिंग | Fixed Cup Hijama Therapy In Hindi | हिजामा के फायदे
इसमें कपों को पूरे उपचार के दौरान प्रभावित क्षेत्र पर पांच से दस मिनट के लिए रखा जाता है।
#2 मूविंग कपिंग | Moving Cup Hijama Therapy In Hindi | Moving Cupping Therapy
इसे ग्लाइडिंग कपिंग भी कहा जाता है। इसमें मसल्स की मसाज करने के लिए कप को उपचार के दौरान घूमाया जाता है। ऐसा करने के लिए प्रोफेशनल त्वचा पर तेल का इस्तेमाल करता है, ताकि कप्स को मूव कराने में आसानी हो।
#3 ड्राई कपिंग | Dry Cup Hijama Therapy In Hindi | Hijama Ke Fayde
इसे एयर कपिंग के नाम से भी जाना जाता है। ड्राई कपिंग में शीशे के कपों को गर्म तेल में डुबोकर त्वचा के एक्यूप्रेशर पॉइंट्स पर रख दिया जाता है। इससे वैक्यूम क्रिएट होता है और कप के भीतर ठंडी हवा भर जाती है, जो त्वचा को खींचती है, जिससे इलाज होता है। कई जगह पर कॉटन को अल्कोहल में डुबोकर जलाते है। इसके जरिए कप को गर्म किया जाता है और फिर इसे स्किन पर रखा जाता है। ध्यान रखें, कि ये स्थिति कुछ मिनटों के लिए दर्दनाक हो सकती है।
#4 वेट कपिंग | Wet Cup Hijama In Hindi | Cupping Therapy Uses
वेट कपिंग कुछ हद तक एक्यूपंचर के समान है। इसके लिए कप को त्वचा पर रखकर तुरंत हटा लिया जाता है। इस दौरान स्किन से ब्लड निकालने के लिए एक चीरा भी लगाते है। फिर संक्रमण को रोकने के लिए एंटीबायोटिक क्रीम लगाई जाती है। माना जाता है, कि यह तकनीक शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है।
कपिंग थैरेपी के इलाज की स्थिति | What Is Hijama Therapy In Hindi? | Benefits Of Cupping Therapy In Hindi
कपिंग थैरेपी (Cup Therapy In Hindi) का उपयोग विभिन्न प्रकार की स्थितियों के उपचार के लिए किया जाता है। यह मांसपेशियों में दर्द और दर्द पैदा करने वाली स्थितियों को कम करने में विशेष रूप से प्रभावी साबित हो सकती है। चूंकि कप को मेन एक्यूप्रेशर पॉइंट पर रखा जाता है, इसलिए यह त्वचा संबंधी समस्याओं और पाचन के मुद्दों का इलाज एक्यूप्रेशर के जरिए करता है। 2012 के अध्ययनों की समीक्षा में शोधकर्ताओं ने पाया है, कि कपिंग दाद, खांसी, बदहजमी, मुंहासे, स्पॉन्डिलाइटिस जैसी स्थितियों में भी की जा सकती है।
कपिंग थैरेपी (Hijama Therapy Benefits In Hindi ) के ढेरों फायदे है। वैसे कुछ लोग अपनी खूबसूरती में निखार लाने के लिए, तो कुछ मांसपेशियों के दर्द को कम करने के लिए इस थैरेपी सेशन को लेना पसंद करते है। किन-किन चीजों में कपिंग थैरेपी फायदेमंद है, ये हम आपको नीचे बताने जा रहे है।
#1. ब्लड सकुर्लेशन तेज करे | Hijama Therapy In Hindi For Blood Circulation | Benefits Of Cupping Therapy On Back
रक्त संचार में सुधार करने के लिए कपिंग थैरेपी बेहद फायदेमंद है। खासतौर से ये थैरेपी शरीर के उन हिस्सों का ब्लड सकुर्लेशन तेज कर देती है, जहां कप फिक्स किए जाते है। इससे नसों को मजबूती मिलती है।
#2. डिटॉक्सीफिकेशन | Detoxification by Hijama In Hindi | Moving Cupping Therapy
डिटॉक्सीफिकेशन में कपिंग थैरेपी (Hijama Therapy Benefits In Hindi )बहुत अच्छी मानी जाती है। बेशक आप हेल्दी डाइट लें, लेकिन प्रदूषण के जरिए कुछ टॉक्सिन आपके शरीर में पहुंच ही जाते है। ऐसे में कपिंग थैरेपी शरीर के भीतर की गंदगी को बाहर निकालकर डिटॉक्सीफाई करने का काम करती है।
शरीर में दर्द और त्वचा संबंधी समस्याओं का एक कारण तनाव है। इसे दूर करने के लिए आप कई तरीके अपनाते होंगे, लेकिन कपिंग थैरेपी (Cup Therapy In Hindi) भी इसका बेस्ट सॉल्यूशन है। मसाज के मुकाबले यह ज्यादा राहत देने वाली मानी जाती है। इसमें कप्स को शरीर के विभिन्न हिस्सों पर घुमाया जाता है, जिससे रिलेक्सेशन महसूस होता है और तनाव गायब हो जाता है।
इसके अलावा सूजन कम करने, तंत्रिका तंत्र को शांत रखने के लिए भी कपिंग थैरेपी लाभदायक है। हालांकि, जरूरतों और जीवनशैली के हिसाब से अलग-अलग लोगों पर इसका अलग-अलग प्रयोग किया जाता है। जैसे सर्दी-जुकाम से जूझ रहे लोगों और बच्चों को कपिंग थैरेपी दी जाती है। कोई कॉस्मेटिक यूज के लिए कपिंग थैरपी का उपयोग करना चाहता है, तो कोई बस तनाव दूर करने के लिए इस थैरेपी का यूज करता है।
कपिंग थैरेपी काफी सेफ है। इससे कोई नुकसान नहीं है। हां, लेकिन शरीर के जिन-जिन हिस्सों पर कपिंग की जाती है, वहां थोड़ी देर के लिए जरूर आप दर्द, जलन, चक्कर, चोट या इंफेक्शन का अनुभव कर सकते है। हो सकता है कि इस दौरान आपको पसीना या फिर नॉजिया महसूस हो। कई बार इस थैरेपी के दौरान त्वचा झुलस भी सकती है। इसके लिए आपके डॉक्टर को एप्रेन, डिस्पोजल दस्ताने आदि पहनने चाहिए। कपिंग थैरेपी के फायदे, नुकसान तो आपने जान लिए, अब इसे कैसे किया जाता है, ये आप हमारे आगे के लेख में पढ़ सकते है।
अब आग को हटाकर इन गर्म कपों को खुले मुंह की तरफ से सीधे आपकी त्वचा पर रखा जाता है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ कप गर्म करने वाली प्रोसेस की जगह अब रबर पंप का उपयोग करने लगे है। जब त्वचा पर गर्म कप रखा जाता है, जो कप के अंदर की हवा ठंडी हो जाती है, जो वैक्यूम क्रिएट करती है और मांसपेशियों व त्वचा को अपनी तरफ ऊपर की ओर खींचती है। इस दौरान आपकी त्वचा में रेडनेस आ सकती है।
कपिंग थैरेपी के प्रकार | Types Of Hijama Cupping Therapy In Hindi | Hijama Benefits
काफी साल पहले कपिंग में इस्तेमाल होने वाले कप मूल रूप से जानवरों के सींग से बने होते थे। इसके बाद बांस, सिलिकॉन, मिट्टी और फिर सिरेमिक के कपों का उपयोग किया जाने लगा। लेकिन आजकल मॉडर्न कपिंग में ग्लास के कप्स का प्रयोग किया जाता है, जो एक तरफ से खुला रहता है। अब आपको बता दें, कि कपिंग थैरेपी (Cupping Therapy In Hindi )चार प्रकार से की जाती है। फिक्स, मूविंग, ड्राई कपिंग और वेट कपिंग। इन्हें कैसे किया जाता है, ये हम आपको आगे बता रहे है।
#1 फिक्स कपिंग | Fixed Cup Hijama Therapy In Hindi | हिजामा के फायदे
इसमें कपों को पूरे उपचार के दौरान प्रभावित क्षेत्र पर पांच से दस मिनट के लिए रखा जाता है।
#2 मूविंग कपिंग | Moving Cup Hijama Therapy In Hindi | Moving Cupping Therapy
इसे ग्लाइडिंग कपिंग भी कहा जाता है। इसमें मसल्स की मसाज करने के लिए कप को उपचार के दौरान घूमाया जाता है। ऐसा करने के लिए प्रोफेशनल त्वचा पर तेल का इस्तेमाल करता है, ताकि कप्स को मूव कराने में आसानी हो।- Read This One:- 10 Best Oils To Relieve Cough And Cold In Hindi
#3 ड्राई कपिंग | Dry Cup Hijama Therapy In Hindi | Hijama Ke Fayde
इसे एयर कपिंग के नाम से भी जाना जाता है। ड्राई कपिंग में शीशे के कपों को गर्म तेल में डुबोकर त्वचा के एक्यूप्रेशर पॉइंट्स पर रख दिया जाता है। इससे वैक्यूम क्रिएट होता है और कप के भीतर ठंडी हवा भर जाती है, जो त्वचा को खींचती है, जिससे इलाज होता है। कई जगह पर कॉटन को अल्कोहल में डुबोकर जलाते है। इसके जरिए कप को गर्म किया जाता है और फिर इसे स्किन पर रखा जाता है। ध्यान रखें, कि ये स्थिति कुछ मिनटों के लिए दर्दनाक हो सकती है।
- This one is best :- Top 14 Tips And Eyes Exercise To Keep Eyes Healthy And Beautiful In Hindi
#4 वेट कपिंग | Wet Cup Hijama In Hindi | Cupping Therapy Uses
वेट कपिंग कुछ हद तक एक्यूपंचर के समान है। इसके लिए कप को त्वचा पर रखकर तुरंत हटा लिया जाता है। इस दौरान स्किन से ब्लड निकालने के लिए एक चीरा भी लगाते है। फिर संक्रमण को रोकने के लिए एंटीबायोटिक क्रीम लगाई जाती है। माना जाता है, कि यह तकनीक शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है।
कपिंग थैरेपी के इलाज की स्थिति | What Is Hijama Therapy In Hindi? | Benefits Of Cupping Therapy In Hindi
कपिंग थैरेपी (Cup Therapy In Hindi) का उपयोग विभिन्न प्रकार की स्थितियों के उपचार के लिए किया जाता है। यह मांसपेशियों में दर्द और दर्द पैदा करने वाली स्थितियों को कम करने में विशेष रूप से प्रभावी साबित हो सकती है। चूंकि कप को मेन एक्यूप्रेशर पॉइंट पर रखा जाता है, इसलिए यह त्वचा संबंधी समस्याओं और पाचन के मुद्दों का इलाज एक्यूप्रेशर के जरिए करता है। 2012 के अध्ययनों की समीक्षा में शोधकर्ताओं ने पाया है, कि कपिंग दाद, खांसी, बदहजमी, मुंहासे, स्पॉन्डिलाइटिस जैसी स्थितियों में भी की जा सकती है। Top 7 Benefits Of Hijama Therapy Cupping Therapy In Hindi | कपिंग थैरेपी के फायदे
कपिंग थैरेपी (Hijama Therapy Benefits In Hindi ) के ढेरों फायदे है। वैसे कुछ लोग अपनी खूबसूरती में निखार लाने के लिए, तो कुछ मांसपेशियों के दर्द को कम करने के लिए इस थैरेपी सेशन को लेना पसंद करते है। किन-किन चीजों में कपिंग थैरेपी फायदेमंद है, ये हम आपको नीचे बताने जा रहे है।
#1. ब्लड सकुर्लेशन तेज करे | Hijama Therapy In Hindi For Blood Circulation | Benefits Of Cupping Therapy On Back
रक्त संचार में सुधार करने के लिए कपिंग थैरेपी बेहद फायदेमंद है। खासतौर से ये थैरेपी शरीर के उन हिस्सों का ब्लड सकुर्लेशन तेज कर देती है, जहां कप फिक्स किए जाते है। इससे नसों को मजबूती मिलती है।
#2. डिटॉक्सीफिकेशन | Detoxification by Hijama In Hindi | Moving Cupping Therapy
डिटॉक्सीफिकेशन में कपिंग थैरेपी (Hijama Therapy Benefits In Hindi )बहुत अच्छी मानी जाती है। बेशक आप हेल्दी डाइट लें, लेकिन प्रदूषण के जरिए कुछ टॉक्सिन आपके शरीर में पहुंच ही जाते है। ऐसे में कपिंग थैरेपी शरीर के भीतर की गंदगी को बाहर निकालकर डिटॉक्सीफाई करने का काम करती है।
#3. निखरी त्वचा के लिए | Benefits Of Cupping Therapy In Hindi
त्वचा में निखार लाने के लिए कपिंग थैरेपी बहुत असरदार मानी गई है। इसकी मदद से त्वचा संबंधी विकारों को आसानी से दूर किया जा सकता है। यदि आपको चेहरे पर एक्ने, पिंपल्स की समस्या है, तो कपिंग थैरेपी बैक्टीरिया के खिलाफ लड़कर खून से हर तरह की गंदगी को बाहर निकालने में आपकी मदद करती है।#4. दर्द से राहत दिलाए | Hijama Cupping Therapy In Hindi
किसी भी तरह का दर्द हो, कपिंग थैरेपी इसे दूर करने में बहुत सहायक है। यह टिश्यू को कोमल कर, उन जगहों पर रक्त प्रवाह को बढ़ाता है, जहां इनकी जरूरत हो। इतना ही नहीं, यह थैरेपी क्रॉनिक पेन को दूर करने में भी सक्षम है। जिन लोगों का दर्द इस थैरेपी के जरिए दूर हुआ है, वे इसे मसाज से ज्यादा प्रभावी मानते है।#5. तनाव से मुक्ति दिलाए | Hijama Therapy In Hindi
शरीर में दर्द और त्वचा संबंधी समस्याओं का एक कारण तनाव है। इसे दूर करने के लिए आप कई तरीके अपनाते होंगे, लेकिन कपिंग थैरेपी (Cup Therapy In Hindi) भी इसका बेस्ट सॉल्यूशन है। मसाज के मुकाबले यह ज्यादा राहत देने वाली मानी जाती है। इसमें कप्स को शरीर के विभिन्न हिस्सों पर घुमाया जाता है, जिससे रिलेक्सेशन महसूस होता है और तनाव गायब हो जाता है।
#6. अस्थमा कपिंग थैरेपी | Hijama Therapy Benefits In Hindi
अस्थमा के रोगियों के लिए बेहद असरदार मानी गई है। ठंड, ब्रोन्काइटिस यहां तक की अस्थमा के कारण होने वाले कंजेशन का इलाज भी इससे किया जा सकता है। आमतौर पर कप आपकी पीठ पर रखे जाते है, लेकिन कंजेशन को दूर करने के लिए इन्हें छाती पर भी रखा जा सकता है। खासतौर से साइनस को अनब्लॉक करने के लिए फेशियल कपिंग का भी उपयोग किया जा सकता है।#7. पाचन तंत्र में सुधार करे | Benefits Of Cupping Therapy In Hindi
शरीर में कब्ज और अल्सर की समस्या से मुक्ति दिलाने में हिजामा थैरेपी (Hijama Therapy Benefits In Hindi) का कोई मुकाबला नहीं है। पाचन से संबंधित समस्याओं के लिए ये थैरेपी बहुत बढिय़ा विकल्प है। इस थैरेपी के दौरान शरीर पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से ग्रहण कर लेता है, जिसके बाद व्यक्ति की भूख बढ़ जाती है।इसके अलावा सूजन कम करने, तंत्रिका तंत्र को शांत रखने के लिए भी कपिंग थैरेपी लाभदायक है। हालांकि, जरूरतों और जीवनशैली के हिसाब से अलग-अलग लोगों पर इसका अलग-अलग प्रयोग किया जाता है। जैसे सर्दी-जुकाम से जूझ रहे लोगों और बच्चों को कपिंग थैरेपी दी जाती है। कोई कॉस्मेटिक यूज के लिए कपिंग थैरपी का उपयोग करना चाहता है, तो कोई बस तनाव दूर करने के लिए इस थैरेपी का यूज करता है।
कपिंग थैरेपी के नुकसान | Cupping Therapy Side Effects In Hindi
कपिंग थैरेपी काफी सेफ है। इससे कोई नुकसान नहीं है। हां, लेकिन शरीर के जिन-जिन हिस्सों पर कपिंग की जाती है, वहां थोड़ी देर के लिए जरूर आप दर्द, जलन, चक्कर, चोट या इंफेक्शन का अनुभव कर सकते है। हो सकता है कि इस दौरान आपको पसीना या फिर नॉजिया महसूस हो। कई बार इस थैरेपी के दौरान त्वचा झुलस भी सकती है। इसके लिए आपके डॉक्टर को एप्रेन, डिस्पोजल दस्ताने आदि पहनने चाहिए। कपिंग थैरेपी के फायदे, नुकसान तो आपने जान लिए, अब इसे कैसे किया जाता है, ये आप हमारे आगे के लेख में पढ़ सकते है।
What Is Hijama Treatment In Hindi? कैसे काम करती है कपिंग थैरेपी?
कपिंग के दौरान कप के नीचे वैक्यूम पैदा किया जाता है, ताकि कप अच्छी तरह से बॉडी से चिपक जाएं। अब वैक्यूम बनाकर इन्हें त्वचा के खास पॉइंट्स पर रखा जाता है, जो त्वचा को अपनी तरफ खींचता है। किन पॉइंट्स पर रखना है, इसकी जानकारी इस प्रोसेस को करने वाले चिकित्सक को रहती है। इससे पहले कप को शराब, जड़ी-बूटियों या कागज का उपयोग करके आग से गर्म किया जाता है और इसे सीधे कप में रखा जाता है।What Is Cupping Therapy In Hindi? Hijama
अब आग को हटाकर इन गर्म कपों को खुले मुंह की तरफ से सीधे आपकी त्वचा पर रखा जाता है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ कप गर्म करने वाली प्रोसेस की जगह अब रबर पंप का उपयोग करने लगे है। जब त्वचा पर गर्म कप रखा जाता है, जो कप के अंदर की हवा ठंडी हो जाती है, जो वैक्यूम क्रिएट करती है और मांसपेशियों व त्वचा को अपनी तरफ ऊपर की ओर खींचती है। इस दौरान आपकी त्वचा में रेडनेस आ सकती है।
कपिंग थैरेपी कई सेशन्स में की जाती है। इसके एक सेशन में तीन से पांच कपों का यूज हो सकता है। हो सकता है, कि पहले स्पेशलिस्ट एक ही कप का यूज करे, ताकि उसे समझ आ सके, कि आपकी त्वचा कपिंग थैरेपी को किस तरह से ले रही है। इसमें कभी-कभी एक्यूपंक्चर का तरीका भी अपनाया जाता है, जिसके तहत स्पेशलिस्ट पहले सुइयों को चुभोता है और फिर उस जगह पर कप रखता है।
कपिंग थरैपी को कराने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इससे आप भविष्य में होने वाले नुकसानों और तकलीफ से बचे रहेंगे।
यह आर्टिकल्स आपको बहुत मदद कर सकते है :-
Tags :- Hijama Therapy In Hindi, Hijama In Hindi, Benefits Of Cupping Therapy In Hindi. What Is Cupping Therapy In Hindi, Cupping Therapy Precautions, Hijama Side Effects
Cupping Therapy Precautions | कपिंग थैरेपी से पहले रखें इन बातों का ध्यान
कपिंग थरैपी को कराने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इससे आप भविष्य में होने वाले नुकसानों और तकलीफ से बचे रहेंगे।
- - कपिंग थैरेपी के लिए जाने से पहले इसके सर्टिफाइड सेंटर्स की जांच कर लें और देखें कि आप जिनके पास सेशन लेने जा रहे है, वे लोग ट्रेंड हों।
- - किसी अन्य प्रकार की वैकल्पिक या पूरक दवा शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से बात करें। और इससे पहले कि आप इसे आजमाएं, अपने कपिंग थेरेपिस्ट के साथ विस्तार से बात करें। उनसे पूछें कि, इसका उपयोग करने में आपका क्या अनुभव है?
- - बता दें कि कपिंग थैरेपी सभी के लिए फायदेमंद साबित नहीं होती। कुछ समूहों के लिए इसे लेकर सावधानी बरतना जरूरी है।
- - चार साल से कम उम्र के बच्चों को कपिंग थैरेपी नहीं मिलती। यदि बड़े बच्चों का इलाज करा रहे है, तो कम समय के लिए ही कराएं।
- - उम्र के साथ त्वचा नाजुक होने लगती है, इसलिए बड़ी उम्र यानि 60 वर्ष से ऊपर के लोगों को यह थैरेपी कराने से बचना चाहिए।
- - गर्भवती महिलाओं को कपिंग थैरेपी सेशन लेने की अनुमति नहीं दी जाती।
- - मासिक धर्म के दौरान कपिंग थैरेपी लेने से बचना चाहिए।
- - यह दर्दनाक नहीं है, लेकिन इसे कराने के बाद रेडनेस आ जाती है।
- - यदि आप खून को पतला करने के लिए किसी दवा का उपयोग कर रहे है, तो कपिंग का उपयोग न करें।
- - यदि आपको सनबर्न, स्किन अल्सर जैसी समस्या है, तो हमेशा कपिंग थैरेपी लेने से बचें।
यह आर्टिकल्स आपको बहुत मदद कर सकते है :-
- Tripti Ke Gharelu Nushkhe- बालों को लंबा कैसे करें?
- करी पत्ते के फायदे बालों के लिए- Benefits Of Curry Leaves For Hair In Hindi
- बालों को लंबा करने के घरेलू उपाय| Home Remedies For Hair Fall And Regrowth In Hindi
- बालों का कलर हटाने के आसान घरेलू उपाय - How To Remove Hair Color In Hindi
- बालों को स्ट्रेट करने के आसान घरेलू उपाय–Permanent Hair Straightening at Home in Hindi
0 Comments