अगले पांच साल लगे रहेंगे अरविंद केजरीवाल !!! निष्कर्ष

आप, AAP, आम आदमी पार्टी, अरविंद केजरीवाल, दिल्ली चुनाव, दिल्ली मुख्यमंत्री

अगले पांच साल लगे रहेंगे अरविंद केजरीवाल!
Aam Aadmi Party, Delhi Election Or Arvind Kejriwal

दिल्ली चुनाव की चुनावी भगदड़ शांत हो चुकी है। अन्ना आंदोलन से निकली आम आदमी पार्टी तीसरी बार दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है। जब 2015 में अरविंद केजरीवाल दिल्ली मुख्यमंत्री के सिहांसन पर विराजमान हुए उस वक्त उनके पास बतौर मुख्यमंत्री कोई उपलब्धि नही थी। लेकिन दिल्ली की जनता ने मफ़लर बांधे और साधारण सा शर्ट-पैंट पहने उस आम आदमी पर भरोसा किया और उसे सत्ता की बागडोर दे डाली।

आप - आम आदमी पार्टी | Aam Aadmi Party

 2015 में जनता ने दिल्ली की तकदीर बदल देने की उम्मीद में 70 सीटों में 67 सीटों के साथ ऐतिहासिक जीत दिलाने के साथ आम आदमी पार्टी को एक नयी पहचान दिलाई। लेकिन 2020 का चुनाव आम आदमी पार्टी के कामों का मूल्यांकन और अरविंद केजरीवाल को उस खाँचे में रखकर देखा जाना था, जिसमें उन महत्वकांक्षी उम्मीदों को पूरा करने की शर्त थी जो दिल्ली की जनता को एक नए विकल्प की तलाश में आम आदमी पार्टी तक पहुँचा दिया था।



दिल्ली चुनाव 2020 | Delhi Election 2020

आप, AAP, आम आदमी पार्टी, अरविंद केजरीवाल, दिल्ली चुनाव, दिल्ली मुख्यमंत्री

आम आदमी पार्टी को 62 सीटें मिली वहीं भाजपा को 8 सीटों पर संतोष करना पड़ा और कांग्रेस की झोली पिछली बार की ही तरह खाली रह गयी। अरविंद केजरीवाल 16 फरवरी को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और तीसरी बार मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभालेंगे। दिल्ली की इस चुनावी शोरगुल में आम आदमी पार्टी ने अपने पिछले कार्यकाल में किए गए कामों पर ज़ोर दिया। केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से पानी, बिजली और शिक्षा के नाम पर वोट मांगे, जिसे दिल्ली की जनता ने स्वीकारा तभी 70 में से 62 सीटों पर 'आप' को जीताया। वैसे पिछली बार के मुकाबले आम आदमी पार्टी के वोट शेयर पर कुछ खासा असर देखने को नही मिला, लेकिन 8 सीटों में सिमटी भाजपा के वोट शेयर पिछली बार के मुकाबले बढ़े है। 2015 में भाजपा का वोट शेयर 32।78% था और इस बार भाजपा का वोट शेयर 38।79% है।

भाजपा V/s आम आदमी पार्टी

आप, AAP, आम आदमी पार्टी, अरविंद केजरीवाल, दिल्ली चुनाव, दिल्ली मुख्यमंत्री

भाजपा ने भी दिल्ली का चुनाव दमख़म के साथ लड़ा, प्रधानमंत्री ने 2 रैली और अमित शाह ने लगभग 33 मीटिंग्स और 8 रोड शॉ किए। जेपी नड्डा ने भी कई रोड शॉ किए, साथ ही भाजपा ने दिल्ली के चुनाव में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी उतारा। अमित शाह गलियों में घूम कर पर्चे भी बांटते नजर आए, मगर फिर भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। भाजपा के मुद्दे शाहीन बाग, कश्मीर से 370 हटाया जाना और बालाकोट जैसे विषयों के इर्दगिर्द ही घूमता रहा। जिस पर केजरीवाल ने बड़ी आसानी से स्थानीय मुद्दों का झाड़ू लगा दिया और लगातार दो बार केंद्र की सत्ता में बहुमत के साथ आने वाली भारतीय जनता पार्टी को मुह की खानी पड़ी। चुनावी मैदान में भाजपा और आप के अलावा कांग्रेस भी थी लेकिन कांग्रेस शुरू से ही खेल के बाहर थी, इन्ही वजहों से उसका खाता भी खुल नही सका।

दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

पांच सालों में आम आदमी पार्टी खिसकती हुई 67 सीटों से 62 सीटों पर पहुँच गयी है। केजरीवाल 2015 के चुनाव में दिल्ली की जनता को कई सपने दिखाए, उनसे कई वादें किए। हम यह नही कह सकते कि केजरीवाल अपने किये गए सभी वादों को पूरा करने में सफल हुए, लेकिन यह कहना भी गलत नही होगा कि उन्होंने दिल्ली की विकास में कई ऐसे कदम उठाए और कई कोशिशें की जो दिल्ली सरकार के कामों को दूसरे राज्य सरकारों की अपेक्षा एक पायदान आगे रखता है।

केजरीवाल सरकार की उपलब्धियाँ

आप, AAP, आम आदमी पार्टी, अरविंद केजरीवाल, दिल्ली चुनाव, दिल्ली मुख्यमंत्री

200 यूनिट तक बिजली फ्री करना, दिल्ली के कुछ स्कूलों की रूपरेखा बदल देना, 22000 नए क्लासरूम बनवाना, मोहोल्ला क्लिनिक बनवाना, मुफ्त पानी देना, महिलाओं के लिए मेट्रो मुफ्त करना, सीसीटीवी और सड़कों पर लाइट लगवाना जैसे काम करने के दावे दिल्ली सरकार करती रही। हालांकि इन दावे प्रति दावे के बीच गंदी पानी की समस्या दिल्ली के लोगों को परेशान करती रही, जितने स्कूल बनवाने के वादे किए गए थे उतने नही बनवाए जा सके, यही हाल मोहोल्ला क्लिनिक का भी रहा।

केजरीवाल सरकार की उपलब्धियों पर बात करने का कोई मतलब नही बनता, जनता ने उन्हें उनकी कामों के लिए प्रमाणपत्र दे दिया है। और भाजपा को उसकी साम्प्रदायिक राजनीति का जवाब भी दे दिया है।

आम आदमी पार्टी का दिल्ली चुनाव 2020

आप, AAP, आम आदमी पार्टी, अरविंद केजरीवाल, दिल्ली चुनाव, दिल्ली मुख्यमंत्री

दिल्ली के चुनाव में केजरीवाल ने अपने आप को हिन्दू-मुस्लिम, मंदिर मस्जिद और राष्ट्रवाद के मुद्दे से जीतना दूर रखा। भाजपा ने उतना ही नफरत भरे भाषणों और ध्रुवीकरण की राजनीति के रेत में खुद को साने रखा। भाजपा के एक मंत्री ने भीड़ में नारे लगवाए “देश के गद्दारों को” भीड़ ने जवाब दिया “गोली मारो सालों को”। भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि शाहीन बाग में लाखों लोग जमा हो गए है। इनके बारे दिल्ली वालो जल्दी सोचो नहीं तो यह सब तुम्हारे घरों में घुसेंगे और बहन बेटियों……. और जान से मार देंगे, इसलिए इन्हें खत्म कर दो। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वोट का बटन इतने ज़ोर से दबाना की शाहीन बाग तक करंट लगे। लेकिन जनता ने कहीं और करंट लगाने के इरादे से ही बटन दबा दिया।

Also Read Biographies In Hindi Of Some Forgotten Heros:-
Tags:- आप, AAP, आम आदमी पार्टी, अरविंद केजरीवाल, दिल्ली चुनाव, दिल्ली मुख्यमंत्री

Post a Comment

0 Comments

© 2019 All Rights Reserved By Prakshal Softnet