Bollywood के महानायक Amitabh Bachchan की सभी फिल्में एक से बढ़ कर एक रही है। लेकिन उनकी एक ऐसी फिल्म जो हर किसी के लिए बेहद ही खास रही, जिसने हर किसी के दिल में जगह कर ली थी। अब कई सालो बाद उस फिल्म Amitabh Bachchan PAA Movie की याद हर किसी को आ गई जब सबके सामने 'पा' का वो चेहरा सामने आया है। उसका चेहरा किसी Makeup Artist ने नही बनाया। ये कोई बॉलीवुड का कलाकार नही बल्कि असल जिंदगी का इंसान है। जिसका चेहरा, बॉलीवुड के अमिताभ बच्चन की फिल्म 'पा' से मिलता है।
ये कहानी है मध्य प्रदेश के शहर जबलपुर के श्रेयांस बारमाटे की हैं। श्रेयांस, लाइलाज बीमारी "प्रोजेरिया" से पीडित है। इस बिमारी का कोई इलाज नहीं है। लेकिन श्रेयांस का व्यव्हार Normal बच्चो की तरह ही है। वो बहुत ही खुश मिजाज और सकरात्मक सोच वाला इंसान है। श्रेयांस की उम्र 10 साल है लेकिन वो 60 साल के बुजुर्ग की तरह दिखता है। श्रेयांस की जैसी बीमारी लाखों में से एक बच्चे को होती हैं और ऐसे बच्चे अल्पायु होते हैं।
आखिर क्यों बना एक दिन का अध्यक्ष ?
श्रेयांस हमेशा से ही बाल आयोग के लिए कुछ करना चाहता था। डॉ. राघवेन्द्र शर्मा जो बाल आयोग के अध्यक्ष है उन्होंने जब श्रेयांस की इच्छा के बारे में सुना तो उन्होंने उसकी इच्छा हकीकत में बदल दी और उसे बाल आयोग विभाग का अध्यक्ष बना दिया।मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने उसे एक दिन का अध्यक्ष बनाने का निर्णय लिया। नाच-गाने का शौकीन, श्रेयांस अपने इस सपने को पूरा करने के लिए बेहद ही उत्सुक है। भोपाल में बाल आयोग के अधिकारियो द्वारा एक बैठक में श्रेयांस को एक दिन का अध्यक्ष बनाने का निर्णय लिया गया।
10 साल का श्रेयांस इस दौरान काफी उत्साहित दिखाई दिया। और यही नही श्रेयांस को अध्यक्ष की कुर्सी पर भी बिठाया गया। राघवेंद्र जी ने उसे भोपाल बुलाया था।
श्रेयांस का एक जुड़वां भाई भी है जो जबलपुर के ब्राइट कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाई करता है। लेकिन वो बिल्कुल Normal है, पर श्रेयांस नही।
श्रेयांस को नाचना और गाना बेहद ही पसंद है इसलिए यहाँ के अधिकारियों द्धारा इस इच्छा को भी पूरा किया गया। इसके साथ-साथ उससे पढ़ाई लिखाई में भी काफी रूचि है।
श्रेयांस को अपनी बीमारी के बारे अच्छे से पता है पर उसके बाद भी उसने अपने द्वारा एक सन्देश बाकि लोगो तक पहुँचाया की दुनिया में हर तरह के लोग होते है। कोई भी यहाँ साधारण नही है हर किसी में कोई न कोई कमी जरूर है। इंसान को अपने अंदर कमी ढूंढने के बजाये अपने अंदर छुपे Talent को पहचानना चाहिए।
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