आइये जानते है क्या होता है Digital India in Hindi? डिजिटल इंडिया बनाने की बात तो हर कोई करता है पर कोई भी आगे आकर इस मुहीम को आगे बढ़ाने की कोशिश नही करता। हालिया बजट घोषणाओ के बाद किसी को इस बात पर शक नहीं रह गया है की कृषि प्रधान भारत अब डिजिटल इंडिया में तब्दील होने के मुहाने पर खड़ा है। दुनिया की डिजिटल ताकत बनने तैयारी कर रहे भारत के लिए वित्त मंत्री की और से की गई घोषणाएं बेहद खास है। नोटबंदी के बाद डिजिटल रिफॉर्म नकद लेन-देन को 3 लाख रूपए तक सीमित कर दिया गया। शेरों-शायरी के बीच अरुण जेटली ने बताया की इससे देश के 2500 करोड़ रूपए अतिरिक्त आएंगे। निस्संदेह डिजिटल इंडिया की यह राह बहुत लंबी और कठिन है।
कहां है Error :- भारत रैंकिंग में गिरावट की बड़ी वजह यह है की अन्य देशों के हालात तेजी से सुधर रहे है। आधारभूत संरचना की कमी भी पिछड़ने के बड़े कारण है।
कहां है Error:- कानून में कमी है। यह एक दशक पुराना है। तकनीकी सुरक्षा में भी कमी आई है। हाल ही में 32 लाख डेबिट कार्ड के पिन नंबर चोरी हो गए थे।
कहां है Error :- मेक इन इंडिया जैसी महत्वाकांक्षी योजना भी निवेश की कमी से जूझ रही है। डिजिटल इंडिया बिना बड़े निवेश रफ़्तार नही पकड़ सकता। इसके लिए अर्थव्यवस्था के साथ बड़े जमीनी बदलाव भी चाहिए।
कहां है Error:- गांव की छोड़िये कई शहरो में काल ड्रॉप आज भी बड़ी समस्या है न ही इन्टरनेट कनेक्शन ग्रामीण क्षेत्रो तक पहुँचा है।
कहां है Error :- ग्रामीण शिक्षा की हालात ही बहुत ख़राब है ऐसे में ई-शिक्षा की राह बेहद मुश्किल नजर आती है। फिर भी धीरे-धीरे इस राह पर आगे बढ़ रहे है। दो दशक लग सकते है पुरे देश तक इंटरनेट की जानकारी पहुँचने में, शहरों गांव में बढ़ा है अंतर, नेटवर्क विस्तार के मामले में भारतीय शहरों और गांव की दुरी भी बढ़ गई है। शहरो में जहां उच्च क्षमता का नेटवर्क पंहुचा ही नही है या फिर बेहद कमजोर हालात में है।
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Information About Digital India In Hindi | डिजिटल इंडिया पर 5 वायरस का साया
#1 नेटवर्क की कमी:-
यह जानकर आप बहुत आश्चर्य चकित होंगे लेकिन इसे जानने के लिए Digital India information in Hindi ध्यानपूर्वक पढ़ना होगा। वैशिवक नेटवर्क तैयारी सूचकांक में भारत की हालात बेहद ख़राब है। 2016 की ग्लोबल इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी रिपोर्ट में दुनिया के डिजिटल नेटवर्क सूचकांक की सूची में भारत 91 वे स्थान पर पंहुचा है।कहां है Error :- भारत रैंकिंग में गिरावट की बड़ी वजह यह है की अन्य देशों के हालात तेजी से सुधर रहे है। आधारभूत संरचना की कमी भी पिछड़ने के बड़े कारण है।
#2 सुरक्षा में सेंध:-
नोटबंदी के बाद से साइबर सुरक्षा का मसला बहस में है। 2008 का हमारा आईटी कानून इन्टरनेट अपराधियों से निपटने में पूरी तरह सक्षम नही है। साथ डिजिटल सुरक्षा तकनीकी पर भी लंबा काम होना बाकि है|कहां है Error:- कानून में कमी है। यह एक दशक पुराना है। तकनीकी सुरक्षा में भी कमी आई है। हाल ही में 32 लाख डेबिट कार्ड के पिन नंबर चोरी हो गए थे।
#3 सुस्त रफ़्तार:-
कोई देश रातोंरात डिजिटल नही हो सकता। 2006 में देश की डिजिटल नीति बनी थी, जिसे 2015 में मोदी सरकार ने अमलीजामा पहनाते हुए शुरू किया। 1.3 लाख करोड़ रूपए का e-गवर्नेस बजट स्वास्थ्य, शिक्षा और बैकिंग जैसे मुलभुत क्षेत्रों में लगाया गया है। इससे भ्रष्टाचार खत्म होने और पारदर्शिता आने की संभावना है पर यह तभी होगा, जब काम तेजी से हो।कहां है Error :- मेक इन इंडिया जैसी महत्वाकांक्षी योजना भी निवेश की कमी से जूझ रही है। डिजिटल इंडिया बिना बड़े निवेश रफ़्तार नही पकड़ सकता। इसके लिए अर्थव्यवस्था के साथ बड़े जमीनी बदलाव भी चाहिए।
#4 इंटरनेट स्पीड:-
Digitize India in Hindi |Digitize India का सपना तब तक पूरा नही हो सकता, जब तक की हम पुरे देश में तेज इंटरनेट स्पीड न पा लें । स्पीड के मामले में विकासशील देशों से भी अब तक पीछे है हम। 4 जी तकनीक के दौर में भी देश धीमी इंटरनेट रफ़्तार से जुड़ा रहा है।कहां है Error:- गांव की छोड़िये कई शहरो में काल ड्रॉप आज भी बड़ी समस्या है न ही इन्टरनेट कनेक्शन ग्रामीण क्षेत्रो तक पहुँचा है।
#5 जानकारी का आभाव:-
देश की ज्यादातर आबादी को ऑनलाइन की जानकारी नही है। इंटरनेट चलाना, विभिन्न एप के जरिये कामकाज जैसी चीजे अभी युवाओ तक ही सीमित है। कामकाजी आबादी का बड़ा हिस्सा इंटरनेट पर खुद को सहज महसूस नही करता। आने वाले एक- दो दशक तक यह समस्या बनी रहेगी। स्वयं जैसे प्लेटफॉर्म के जरिये सरकार कोशिश कर रही है की इंटरनेट की जानकारी सब तक पहुँचे।कहां है Error :- ग्रामीण शिक्षा की हालात ही बहुत ख़राब है ऐसे में ई-शिक्षा की राह बेहद मुश्किल नजर आती है। फिर भी धीरे-धीरे इस राह पर आगे बढ़ रहे है। दो दशक लग सकते है पुरे देश तक इंटरनेट की जानकारी पहुँचने में, शहरों गांव में बढ़ा है अंतर, नेटवर्क विस्तार के मामले में भारतीय शहरों और गांव की दुरी भी बढ़ गई है। शहरो में जहां उच्च क्षमता का नेटवर्क पंहुचा ही नही है या फिर बेहद कमजोर हालात में है।
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