History Of Bhopal In Hindi
भोपाल शहर जो अपनी कई सारी खूबियों के वजह से मशहूर है। हर कोई भोपाल को अलग-अलग नाम से जानते है। कोई इसको “झीलों की नगरी” कहते है, कोई इसको "नवाबो का शहर" कहते है, कोई इसको "मध्यप्रदेश का दिल" कहते है, और कोई इसको ऐतिहासिक शहर भी कहते है। भोपाल में ऐसी बहुत सारी रोचक जगह भी है जिनको देखने और History of Bhopal जानने के लिए लोग दूर-दूर से आते है।
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भोपाल का नाम दुनिया में बहुत से लोग जानने लगे है। पर कुछ जगह ऐसी भी है जिनसे बाहर वाले तो क्या खुद भोपाल में रहने वाले ही अनजान है। कुछ ऐसी जगह जिनका कल कुछ और था और आज कुछ और है। कुछ ऐसी जगह जो आज अपने नाम से बहुत प्रसिद्ध है। पर उन जगहों से जुडी कुछ ऐसी बाते है जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते है।
आज में आपको भोपाल की उन सभी जगहों से रूबरू करवाउंगी जिनका महत्व पहले कुछ और ही था लेकिन अब वो कुछ और ही है। History of Bhopal in Hindi
#1. Bhopal Lake History - Bhopal bada Talab History in Hindi
बड़ा तालाब और छोटा तालाब (Upper Lake Bhopal and Lower Lake Bhopal)
ये तो सब जानते है की भोपाल झीलों की नगरी कहलाता है। भोपाल की सबसे खूबसूरत जगह अगर कोई है तो वो बड़ा तालाब है। जिसको देखने के लिए बहुत सारे लोग बहुत दूर से आते है। भोपाल की इस खूबसूरत जगह के होने के पीछे बहुत बड़ा कारण है। जिसके बारे में आज आप जान जायेंगे ।History of Upper Lake Bhopal -
बड़े तालाब Upper Lake Bhopal को पुराने समय में "भोजताल" के नाम से जाना जाता था। कहा जाता है की भोपाल को मालवा के एक मशहूर राजा भोज द्वारा 1005 और 1055 दशक पहले बनाया गया था। कहा जाता है राजा भोज एक बहुत बड़ी बीमारी से ग्रसित थे उनकी त्वचा दिन पर दिन ख़राब होती जा रही थी। बहुत से इलाज किये गए पर उनकी त्वचा पर कोई असर नही हुआ।तब उनको एक संत ने सलाह दी की वो एक बड़ा सा गड्ढा बनाना होगा जिसमे 365 सहायक नदियों के पानी को इकठ्ठा करना होगा। उस पानी से नहाना होगा यही उनकी बीमारी का एक मात्र इलाज है। तभी राजा भोज ने एक तालाब का निर्माण करवाया था जो उनके महल के चारो तरफ था उसका नाम भोजताल रखा गया जो आज बड़े तालाब के नाम से मशहूर है। और आज भी राजा भोज का महल उसी तालाब के अंदर दबा हुआ है।
#2 Taj-ul-Masajid (ताज -उल-मस्जिद)
History of Bhopal- भोपाल की एक और ऐतिहासिक जगहों में से एक जगह "Taj-ul-Masajid" भी है। जो भोपाल की खूबसूरती में चार चाँद लगाती है। ये जगह मोतिया तालाब के पास मौजूद है जो इसकी सुंदरता को और बड़ा देती है। Taj-ul-Masajid भारत की सभी मस्जिदों में से सबसे बड़ी मस्जिद मानी जाती है। ये इतनी बड़ी है की इसमें 175,000 घरो को बसाया जा सकता है। इस शानदार मस्जिद के निर्माण का कार्य 1844 और 1860 के बीच मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर के शासनकाल के दौरान शुरू किया था। मस्जिद को बनाने का काम 1985 में जाकर खत्म हुआ था। इस मस्जिद को नवाब साहब ने अपनी मरी हुई बेगम की याद के रूप में बनाया था जहाँ सिर्फ उनके अलावा किसी को जाने की इजाज़त नही थी। इस मस्जिद के अंदर मुग़ल काल की एक खुपिया जेल भी हुआ करती थी। जो अब एक मकबरे में तब्दील हो गई है। आज ये मस्जिद दुनिया भर के लिए एक दार्शनिक स्थल बन चूका है। और वह पर किसी को भी जाने के लिए कोई रोक नही है।#3 Gohar Mahal Bhopal (गोहर महल)
भोपाल में ऐतिहासिक जगहों का भंडार भरा है। जिसके पीछे कई सारे राज छपे हुए है। इन्ही सभी ऐतिहासिक जगहों में एक जगह ऐसी है जिसका कल कुछ और ही था और आज कुछ और है। जी हाँ में बात कर रही हूँ "गोहर महल" - Gauhar Mahal Bhopal की, यह महल अपने आप में ही इतिहास को बया करता है।इस महल की बनावट मुग़ल और हिन्दू के तरीको से की गई है। गोहर महल का नाम भोपाल पर सशासन करने वाली सबसे पहली महिला "क़ुदसिया बेगम" के नाम पर रखा गया था। जो "गोहर बेगम" के नाम से भी मशहूर थी। जो बहुत ही कला प्रेमी थी। इसकी स्थापना 1820 में की गई थी। यहाँ पर गोहर बेगम द्वारा बनाये गए कलात्मक चित्रो को सजाया जाता था। गोहर बेगम ने अपनी बाकि की बची हुई जिंदगी इसी महल में गुजारी। आज ये महल मध्यप्रदेश सरकार के लिए एक राष्ट्रीय धरोहर के रूप में रह गई है। यहाँ पर कई पुरानी और नई वस्तुओ का बाजार भी लगता है। यहाँ कई तरह के उत्सवों का आयोजन भी किया जाता है।
#4 Rani Kamlapati Palace (कमला पार्क)
Rani Kamlapati Palace History- भोपाल की ऐसी ऐतिहासिक जगह जिसका रहस्य शायद ही कोई जनता हो। में बात कर रही हूँ- रानी कमलापति महल की । जिसको आज हम सब कमल पार्क के नाम से जानते है। लेकिन वह पहले एक महल ही था।Rani Kamlapati Palace को गोंड आदिवासी शासक निज़ाम शाह ने अपनी पत्नी रानी कमलापति के लिए बनवाया था। कहा जाता है की कमलापति बहुत सी सूंदर थी। पुरे भारत में उनकी खूबसूरती छाई हुई थी। लोगो की माने तो भोपाल पहले एक बहुत छोटा सा गांव हुआ करता था। जिसका शासक निज़ाम था। पर उनके कुछ दुश्मनो की नजर उनकी पत्नी पर थी वो उसको हासिल करना चाहते थे। उन्होंने निज़ाम को जहर दे कर मार दिया और रानी पर हमला कर दिया तब रानी ने अपने पति के दोस्त मोहम्मद खान से मदद मांगी और बदले में भोपाल का शासन देने का वादा किया।
मोहम्मद खानने उन दुश्मनो को मार दिया। पर उसकी भी बुरी नजर कमलापति पर थी। तब रानी ने अपनी इज्जत बचाने के लिए पास की झील जिसको आज कल छोटा तालाब के नाम से भी जाना जाता है। उस झील में कूद कर अपनी जान दे दी। और भोपाल पर मोहम्मद खान का राज फेल गया। आज ये महल एक पार्क के नाम से जाना जाता है। जिसका नाम कमल पार्क रखा गया औ कई लोग दूर-दूर से यहाँ घूमने के लिए आते है।
#5 परी बाजार (Pari Bazar Bhopal)
भोपाल की एक ऐसी जगह जिसका इतिहास पहले कुछ और था और आज कुछ और ही है। जी हाँ में बात कर रही हूँ । परी बाजार की जगह आज की तारिक में प्रॉपर्टी की Registry होती है। ये जगह पहले किसी और काम से मशहूर थी। ये जगह पहले भोपाल की सभी बेगमो के लिए हुआ करती थी यहाँ पर पहले नवाबो के काल में शाहजहाँ की बेगमो के लिए बाजार लगता था जहाँ पर किसी को आने की इजाज़त नही थी। सिर्फ बेगमें ही वह जा कर खरीदारी करती थी। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया वैसे-वैसे इसका असल महत्व ख़त्म हो गया और ये बाजार आज किसी नाम से जाना जाने लगा।नवाबो के शहर भोपाल में आज भी कुछ रहस्य ऐसे भी है जिनके बारे में जानना अभी बाकि है। हर किसी होने के पीछे बहुत बड़ा कारण होता है। जिसको हर कोई नही जनता। इसलिए कहते है की बड़े बुजुर्ग जो कहँते है वो गलत नही होता। उनकी हर कहानी में कही न कही कुछ सच्चाई होती है। Unknown History Of Bhopal In Hindi
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Rani Kamlapati Palace History
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