सकारात्मक सोच
The Power Of Positive Thinking In Hindi
एक अंधे व्यक्ति को जैसे रंग भरी दुनिया दिखाई जाती है। प्रकृति के विपरीत भी कोई काम जिस वजह से संभव हो पाता है। वह तरीका है “सकारात्मक सोच” का जिसके माध्यम से आप खुद को जीवन रूपी गाड़ी में सुरक्षित महसूस करते है।
अंधा व्यक्ति किसी भी चीज़ को समझने जानने के लिए महसूस करता है और कल्पना चित्र बनाता है। वही कल्पना चित्र उस शक्ति के भांति है जो हमें कोई कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। जब कोई प्रेरणा हमें किसी कार्य के लिए प्ररित करती है। उस वक्त एक अदृश्य ऊर्जा उस प्रेरणा के साथ काम कर रही होती है, जो अंधे को भी रंग अनुभव करा देती है। उसी ऊर्जा का नाम सकारात्मक सोच है।
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सकारात्मक सोच क्या है? What Is Positive Thinking in Hindi?
सकारात्मक सोच हमारे आस पास एक अदृश्य शक्ति की तरह होती है, जो भौतिकी के चुम्बकीय बल, गुरुत्वाकर्षण बल, की भांति ही काम करता है। यह बल होता है दो प्रकार से नकारात्मक बल नेगेटिव ऊर्जा और सकारात्मक बल पॉजिटिव ऊर्जा को निर्मित करता है।जिसका असर मानसिक स्थिति पर पड़ता है। हम जिस तरह उस वक्त सोच रहे होते है, उसी तरह ऊर्जा भी हमारे अंदर समाहित हो जाती है और हम सकारात्मक या नकारात्मक सोच लेते है। किसी कार्य को पूर्ण करने के लिए उम्मीद से निर्मित होता है। अल्प आत्मविश्वास जब धीरे धीरे आशा के सागर की तरह भरने लगता है वहीं इस पावर का जन्म होता है और हमारे जीवन में सफलताओं का अंबार लग जाता है।
Think Positive Be Positive | Positive Thinking In Hindi
हमेशा सकारात्मक रहना जीवन में आवश्यक है। किन्तु विशेष परिस्थिति में नकारात्मक ऊर्जा का इस्तेमाल भी हम पॉज़िटिव रूप में कर सकते है। जब हम किसी भी विषय के बारे में सब कुछ सही सोचते है, तो यह हमारे अंदर एक आत्मविश्वास तैयार कर देती है। इसी ऊर्जा से निर्मित विश्वास कार्यों को सफलता देता है और हमारा मन प्रसन्न हो जाता है। आपको जब यह अनुभूति हो जाती है कि आप जो कुछ भी करना चाह रहे है या कर रहे है वह उचित है या नहीं है। तब आपके आस पास निर्मित अदृश्य ऊर्जा स्वतः ही आपके अंदर प्रवेश कर जाती है और आपको सकारात्मक या नकारात्मक प्रतिक्रिया मिल जाती है, इसलिए अच्छा सोचकर ही अच्छा रहा जा सकता है।
सकारात्मक सोच के लाभ | Benefit Of Positive Thinking in Hindi
सदैव सकारात्मक रहने से आपको मानसिक, भौतिक, शारीरिक तीनों प्रकार से लाभ होते है। जब आप पॉजिटिव रहते है तो आपके मन में कोई गलत बात नहीं आती है जिससे आपको भय नहीं लगता। भय के खत्म हो जाने से आप उसी तरह काम करते है जैसे क्रिकेट का खिलाड़ी फ्री हिट गेंद पर आउट होने के भय की चिंता किये बिना खेलता है और अतिरिक्त रन बटोरे लेता है।
जब आपको सफलता मिलती है, तो मानसिक तनाव दूर हो जाते है। जिससे आपको एक ख़ुशी प्राप्त होती है और आप जानते ही होंगे खुश रहने से शरीर कितना स्वस्थ रहता है। आपको प्रत्येक क्षेत्र में कई बार देखने मिला होगा की किसी बारे में आप सोच रहें हो बार बार उसको ध्यान में रखने से मन और उस कार्य या उस चीज़ का संबंध बन जाता है। और वह उसे आकर्षित कर लेता है, जिसको हम सकारात्मक सोच का ही जादू कह सकते है।
सकारात्मक सोच : एक खतरा | Positive Thinking A Danger | Be Positive In Hindi
हम जानते की पॉजिटिव थिंकिंग से आत्मविश्वास उतपन्न होता है और आत्मविश्वास से घमंड या अहंकार। गर्व करना अलग बात है तथा किसी चीज़ का घमंड होना अलग बात है। ज्यादा पॉजिटिव होने से अहंकार को जन्म देता है जो हमारे लिए घातक सिद्ध होता है। कई बार परिणाम हमारे विपरीत भी हो जाते है। आप सोच रहे होंगे की सकारात्मक ऊर्जा में कहाँ अहंकार बनता है। जी यह सत्य है कि इससे यह प्रत्यक्ष नहीं बनता पहले इससे आत्मविश्वास बनता है। और आत्मविश्वास घड़े की तरह होता है ज्यादा मात्रा में भरने के बाद उबल जायेगा और नीचे पानी बिखरने लगेगा।
कभी कभी हमें कोई कार्य डर की वजह से करना पड़ता है। बच्चा होमवर्क करता है पिटाई के डर से, कर्मचारी बोस के डर से, अधिकारी सीनियर के डर से और सकारात्मक सोच डर को समाप्त कर देती है। और डर नहीं होने की वजह से हमारी मेहनत कमजोर हो जाती है हम पूर्ण रूप से प्रयास नहीं करते जो हमे असफल बना देता है।
Use Of Positive Thinking | सकारात्मक सोच के उपयोग | Think Positive In Hindi
आम तौर पर तो प्रत्येक कार्य में इसकी आवश्यक्ता होती है। किंतु किस तरह करना होता है, बहुत कम लोग जानते है। इसके लिए आवश्यक तत्व की चर्चा में कर रहा हूँ आपको पॉजिटिव थिंकिंग का उपयोग नेगेटिव थिंकिंग के साथ समन्वय (मिला जुला कर) बना कर करना होगा। आपने देखा होगा कोई विद्युत बल्व नेगेटिव एवं पॉजिटिव दोनों तारों के स्पर्श करने के बाद ही जलता है। उसी प्रकार यहाँ भी दोनों तार की आवश्यकता होती है।
कुल मिला कर सकारात्मक सोच का सही उपयोग करने के लिए आत्मविश्वास, उम्म्मीद, आशा, थोड़ी नेगेटिविटी और डर, सही दिशा में काम की सबसे ज्यादा जरूरत रहती है। प्रत्येक बिंदु महत्ब रखता है क्योंकि सकारात्मक सोच जहाज के छोटे छोटे पुर्जो की भांति गहरे समुद्र में तैराने का काम करती है।
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