महात्मा गांधी की जीवनी
Mahatma Gandhi Biography In Hindi
गांधी जी को पढ़ा जाना चाहिए और पढ़े जाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि उन्हें समझा जाना चाहिए। 'गाँधी' जिसका नाम आते ही मन में एक बूढ़े व्यक्ति का प्रतिबिंब प्रकाशित होता है, जो हाथ मे लाठी लिए, सफेद धोती पहने हुए, चश्मा लगाए खड़ा है, जिसके कुछ सिद्धांत है, जो सत्य या अहिंसा की बात करता है। हमारे मन में गांधी जी की छवि शायद इन्हीं यादों की छाप से पूरी हो जाती होगी। मग़र गांधी इस छवि से ऊपर है। गांधी एक व्यक्ति नही रहकर एक विचारधारा है एक जीवन पद्धति है। आइये पड़ते है Biography Of Mahatma Gandhi In Hindi
Read More Biography In Hindi
- हरिवंश राय बच्चन की जीवनी | Harivansh Rai Bachchan Biography
- Munshi Premchand Biography In Hindi | मुंशी प्रेमचंद की जीवनी
- Shiv Kumar Batalvi Biography | पंजाबी गीतकार शिव कुमार बटालवी
Biography Of Mahatma Gandhi In Hindi
गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गांधी था। उनका जन्म गुजरात के एक तटीय शहर पोरबंदर में 2 अक्टूबर सन 1869 को हुआ था। उनके पिता का नाम करमचन्द गांधी था जो काठियावाड़ को एक छोटी सी रियासत ( पोरबंदर ) के दीवान थे। उनकी माता का नाम पुतली बाई था। मई 1883 में गांधी जी की शादी कस्तूरबा से हुई थी। इनके चार पुत्र थे हरिलाल गाँधी, मणिलाल गाँधी, रामदास गांधी और देवदास गांधी।महात्मा गाँधी जी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण किताबें
महात्मा गांधी जी की जीवनी - बैरिस्टर की पढ़ाई
4 सितम्बर 1888 को गांधी' बैरिस्टर की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड के यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन चले गए थे। वेल्स बार एसोसिएशन में वापस बुलाने पर गांधी भारत तो लौट आए मग़र बम्बई में वकालत करने में उन्हें कोई खास सफलता नहीं मिली। बाद में वह जरूरतमंदो के लिए मुकदमे की अर्जियां लिखने काम शुरू किया लेकिन वहाँ पर उनका मन नही लगा। उनकी परवरिश वैष्णव वाद और जैन धर्म की छत्र छाया में हुई थी। इस प्रकार उन्होंने अहिंसा, शाकाहार, आत्म सुद्धि के लिए उपवास और विभिन्न पंथों और संप्रदाय के अनुनायियों के बीच आपसी सहिष्णुता की समझ इस कदर विकसित हुई की उन्होंने इसका आचरण पूरे जीवन तक किया। वे श्रावण और हरिश्चन्द की कहानियों से भी गहराई से प्रभावित थे।
Mahatma Gandhi Biography In Hindi
सन् 1893 में, उन्हें दादा अब्दुल्ला से प्रस्ताव मिला एक भारतीय फर्म से नेताल (दक्षिण अफ्रीका) में एक वर्ष के करार पर वकालत का कार्य स्वीकार कर लिया। 24 साल की उम्र में वह दक्षिण अफ्रीका गए, वह प्रिटोरिया स्थित कुछ भारतीय व्यपारियों के न्यायिक सलाहकार के तौर पर वहाँ गए थे। 21 साल तक वह दक्षिण अफ्रीका में रहे। जहाँ उन्हें नस्ली भावना का सामना करना पड़ा। एक बार ट्रैन में प्रथम श्रेणी कोच की वैध टिकट होने के बाद भी उन्हें तीसरी श्रेणी के डब्बे में जाने को कहा गया, जिसका इंकार करने पर उन्हें ट्रैन के डब्बे से बाहर फेंक दिया गया था। अफ्रीका के होटल में उनका जाना वर्जित था।एक बार एक अदालत के न्यायाधीश ने उन्हें अपनी पगड़ी उतारने का आदेश दिया। ये घटनाएं उनके जीवन की राह को अलग दिशा में ले गयीं और सामाजिक और राजनैतिक अन्याय के प्रति जागरूकता का कारण बनीं। दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के प्रति अपमान की अग्नि को वो झेल नही सके और ब्रिटिश साम्राज्य में भारतीयों का अपमान और स्वयं अपनी पहचान से संबंधित प्रश्न उठने लगे यहीं से उनको क्रांतिकारी सोच का उद्भव हुआ।
यह भी पढ़िए Biographies In Hindi:-
- Ramdhari Singh Dinkar Biography | रामधारी सिंह दिनकर की जीवनी
- Urdu Ke Mashoor Shayar - Majaz Lakhnavi Biography In Hindi
- Arunima Sinha Biography In Hindi - Arunima Sinha Story
महात्मा गांधी की जीवनी दक्षिण अफ्रीका में
महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में 1894 में अफ्रीकी और भारतीय के प्रति नस्लीय भेदभाव के खीलाफ़ अहिंसक विरोध प्रदर्शन किया। दक्षिण अफ्रीका में सेवा करने के लिए 1896 में कुछ समय के लिए भारत आए। उन्होंने 1899 में बोअर युद्ध के प्रकोप के दौरान अंग्रेजो के लिए भारतीय एम्बुलेंस कोर का आयोजन किया। ताकि ब्रिटिश मानवता को समझें। डरबन के पास फीनिक्स फॉर्म की स्थापना की, जहाँ कैडर को शांतिपूर्ण संयम या अहिंसक सत्याग्रह के लिए प्रशिक्षित किया। उन्होंने टॉलस्टॉय फार्म का स्थापना कि। गांधी का पहला अहिंसात्मक सत्याग्रह अभियान सितम्बर 1906 में स्थानीय भारतीयों के खीलाफ़ गठित ट्रांसवाल एशियाटिक अध्यादेश के विरोध में आयोजित किया गया था। उन्होंने 1907 में काले अधिनियम के खीलाफ़ सत्याग्रह भी किया। 1913 में उन्होंने गैर ईसाई विवाहों के ओवरराइड के खीलाफ़ लड़ाई लड़ी।
Biography Of Mahatma Gandhi In Hindi
1914 में गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस लौटे। इस समय तक गांधी एक राष्ट्रवादी नेता और संयोजक के रूप में प्रतिष्ठित हो चुके थे। वह उदारवादी कांग्रेस नेता गोपाल कृष्ण गोखले के कहने पर भारत आए थे। मजदूरों और शहरी श्रमिकों को अत्यधिक भूमि कर और भेदभाव के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए एकजुट किया। 1921 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने देशभर में गरीबी से राहत दिलाने, महिलाओं के अधिकारों का विस्तार, धार्मिक एवं जातीय एकता का निर्माण और आत्म निर्भरता के लिए कई कार्यक्रम चलाए। गांधी जी ने ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर लगाए गए नमक कर के विरोश में 1930 में नमक सत्याग्रह और इसके बाद 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन से वो पूरी राष्ट्र के आवाज बन गए थे। गांधी जी का मानना था कि भारत मे अंग्रेजी हुकूमत भारतीयों के सहयोग से ही संभव हो पाई थी और अगर हम सब मिलकर अंग्रेजों के खीलाफ़ हर बात पर असहयोग करें तो आजादी सम्भव है। गांधी जी की बढ़ती लोकप्रियता ने उन्हें कांग्रेस का सबसे बड़ा नेता बना दिया गया था और अब वह इस स्थिति में थे कि अंग्रेजों के विरुद्ध असहयोग, अहिंसा, टाटा, शांतिपूर्ण प्रतिकार जैसे अस्त्रों का प्रयोग कर सकें।
Also Read These Biograpies In Hindi
- Elon Musk Biography In Hindi | Founder Of Paypal And Tesla
- Kim Jong Un Biography In Hindi- सबसे खूंखार तानाशाह
- Actor Om Puri Biography In Hindi | ओम पुरी की जीवनी हिंदी में
Mahatma Gandhi Biography In Hindi | अंग्रेजी सरकार और गांधी
अंग्रेजी सरकार ने गांधी और काँग्रेस कार्यकारिणी समिति के सभी सदस्यों को मुम्बई में 9 अगस्त 1942 को गिरफ्तार कर लिया और गांधी जी को पुणे के आंगा खां महल ले जाया गया जहाँ उन्हें दो साल तक बंदी बनाकर रखा गया। इसी दौरान उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी का निधन हो गया और कुछ समय बाद गांधी जी भी मलेरिया से पीड़ित हो गए। अंग्रेज उन्हें इस हालत में जेल में नही डाल सकते थे इसलिए जरूर उपचार के लिए 6 मई 1944 को उन्हें रिहा कर दिया गया। आंशिक सफलता के बावजूद भारत छोड़ो आंदोलन ने भारत को संगठित कर दिया और द्वितीय विश्व युद्ध के अंत तक ब्रिटिश सरकार ने संदेश दे दिया की जल्दी ही सत्ता भारतीयों के साथ सौंप दी जाएगी। गांधी जी ने भारत छोड़ो आंदोलन समाप्त कर दिया और सरकार ने लगभग 1 लाख राजनैतिक कैदियों को रिहा कर दिया।
महात्मा गांधी जी की जीवनी - उनकी हत्या
भारत की आजादी के आंदोलन के साथ साथ, जिन्ना के नेतृत्व में एक अलग देश पाकिस्तान की मांग जोरो शोरो से थी। गांधी जी देश का बंटवारा नही चाहते थे, यह उनके धार्मिक एकता के सिद्धांत से बिल्कुल अलग था मगर अंग्रेजो ने देश के दो टुकड़े कट दिए। 30 जनवरी 1948 को दिल्ली के बिरला हाउस में शाम 5 बजकर 17 मिनट पर गांधी जी एक प्रार्थना सभा को संबोधित करने जा रहे थे, उसी वक्त नाथूराम गोडसे ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सीने में तीन गोलियां चला कर उनकी हत्या कर दी।
अद्भुत जीवनी संग्रह पड़ने के लिए नीचे दिए लिंक्स पर क्लिक करें
- J Jayalalitha Biography In Hindi- Jayalalitha Amma
- Motivational Real Story In Hindi- Harman Singh Sidhu
- Motivational Stories In Hindi | पाकिस्तान की एक और मलाला
- Amitabh Bachchan Paa | एक और 'पा'- श्रेयांस बारमाटे
- Hindi Moral Kahaniya- हिना ट्रेडर्स- क्या है इस छोटी सी दुकान का सच
0 Comments